संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, क्या सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब दे पाएगी सरकार
Editor : Shubham awasthi | 21 July, 2025
21 जुलाई 2025 को नई दिल्ली में भारत की संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, जो 21 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह सत्र 32 दिनों तक चलने वाला है, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। इस सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही, जैसा कि पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था।

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संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—में राष्ट्रगान के साथ हुई। लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही की शुरुआत की। सत्र के पहले दिन की शुरुआत में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) और अहमदाबाद विमान दुर्घटना के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। दोनों सदनों में दिवंगत पूर्व सांसदों को भी याद किया गया, और राज्यसभा में नए सांसदों को पद की शपथ दिलाई गई।
इस औपचारिक शुरुआत के बाद, प्रश्नकाल शुरू हुआ। लेकिन, प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम हमले जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
विपक्ष की रणनीति और प्रमुख मुद्देविपक्षी गठबंधन, विशेष रूप से इंडिया ब्लॉक (कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, वामपंथी दल, राकांपा (सपा), शिवसेना (UBT) आदि), ने इस सत्र में सरकार को कई संवेदनशील मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी की थी। विपक्ष ने कुल आठ प्रमुख मुद्दों की सूची तैयार की थी, जिन पर वे सरकार से जवाब मांग रहे थे। इनमें शामिल थे:ऑपरेशन सिंदूर: 7 मई 2025 को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए, इस सत्र का सबसे गर्म मुद्दा रहा। विपक्ष ने इस ऑपरेशन में सुरक्षा चूक और इसकी रणनीति पर सवाल उठाए। कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस मुद्दे पर सदन में जवाब दें।
पहलगाम आतंकी हमला: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। विपक्ष, विशेष रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अल्ताफ हुसैन, ने कश्मीर की जमीनी स्थिति पर सवाल उठाए और सरकार से इस हमले में हुई चूक पर स्पष्टीकरण मांगा।
बिहार में मतदाता सूची का सघन पुनरीक्षण (SIR): बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों और 11,000 'लापता' मतदाताओं की खबरों ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका दिया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और मतदाता सूची से नाम हटाकर लोगों को सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे: ट्रंप के बार-बार दावे कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता की, विपक्ष के लिए एक और बड़ा मुद्दा बन गया। विपक्ष ने इस पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा, जबकि सत्तापक्ष ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम में ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी।
मणिपुर की स्थिति: मणिपुर में लंबे समय से चली आ रही अशांति और हिंसा पर भी विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ढाई साल पहले मणिपुर में शांति लौटने का वादा किया था, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर है।
चीन के साथ सीमा विवाद: विपक्ष ने भारत-चीन सीमा पर दो-मोर्चे की स्थिति और रक्षा नीति पर भी चर्चा की मांग की। यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील रहा।
कानून-व्यवस्था और अन्य स्थानीय मुद्दे: बीजू जनता दल (बीजेडी) ने राज्यों में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की, जबकि अन्य विपक्षी दलों ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दों को भी उठाने की योजना बनाई।
वक्फ बिल और अन्य विधेयक: वक्फ बिल और अन्य लंबित विधेयकों पर भी विपक्ष ने चर्चा की मांग की, जिसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी देखने को मिली
संसद सत्र के पहले ही दिन राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर बड़ा आरोप मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष हूं। मुझे बोलने का हक है लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया जाता। प्रियंका गांधी ने भी केंद्र पर अटैक करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने के क्यों नहीं देते।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), ने विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए अपनी रणनीति तैयार की थी। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यह चर्चा संसद के नियमों और परंपराओं के तहत ही होगी। उन्होंने विपक्ष से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "भारत की सेना ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे 100% हासिल किया। 22 मिनट में आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया। यह मेक इन इंडिया की ताकत का प्रमाण है।" पीएम ने सदन से इस विजय को एक स्वर में मनाने की अपील की, ताकि देश की सैन्य शक्ति को और बल मिले।लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों की नारेबाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन नारेबाजी के लिए नहीं, बल्कि रचनात्मक चर्चा के लिए है। उन्होंने विपक्ष से प्रश्नकाल के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की अनुमति देने का आश्वासन दिया, लेकिन विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी रहा।