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नेहा सिंह राठौर: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, देशद्रोह का आरोप मामला दर्ज

Editor : Shubham awasthi | 28 April, 2025

भारत के लोक संगीत की दुनिया में नेहा सिंह राठौर एक जाना-माना नाम हैं। भोजपुरी भाषा में उनके गीत और राजनीतिक व्यंग्य न केवल आम जनता के बीच लोकप्रिय हैं, बल्कि कई बार सत्ता के गलियारों में भी हलचल मचाने का काम करते हैं।

नेहा सिंह राठौर: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, देशद्रोह का आरोप मामला दर्ज

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भारत के लोक संगीत की दुनिया में नेहा सिंह राठौर एक जाना-माना नाम हैं। भोजपुरी भाषा में उनके गीत और राजनीतिक व्यंग्य न केवल आम जनता के बीच लोकप्रिय हैं, बल्कि कई बार सत्ता के गलियारों में भी हलचल मचाने का काम करते हैं। उनके गीत "बिहार में का बा?", "यूपी में का बा?" और "एमपी में का बा?" जैसे सवालों के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर तीखी टिप्पणियां करते हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल होकर व्यापक चर्चा का विषय बनते हैं। हालांकि, हाल ही में नेहा सिंह राठौर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनके गीतों के लिए नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर उनकी टिप्पणियों और इसके परिणामस्वरूप लखनऊ में उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मुकदमे के कारण।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना ने देश में गुस्से और आक्रोश की लहर पैदा की, जिसमें लोग पाकिस्तान की कड़ी निंदा कर रहे थे और केंद्र सरकार से त्वरित जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस संवेदनशील माहौल में नेहा सिंह राठौर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कई पोस्ट और वीडियो साझा किए, जिनमें उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर सवाल उठाए। उनके बयानों को कुछ लोगों ने राष्ट्रविरोधी करार दिया, जिसके परिणामस्वरूप लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ देशद्रोह समेत कई गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।



पहलगाम हमला एक ऐसी घटना थी, जिसने न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि देश के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को भी प्रभावित किया। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच का जिम्मा सौंपा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा की और सुरक्षा परिषद (सीसीएस) की बैठक बुलाकर जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा की। इस बीच, नेहा सिंह राठौर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए।

नेहा ने अपने वीडियो में कहा, "एक फोन कॉल से दूसरे देशों में युद्ध रुकवाने वाले अपने देश में आतंकवादी हमला नहीं रोक पाए। लोग कह रहे हैं कि ऐसी बातों पर राजनीति और सवाल नहीं करो तो किस बात पर सवाल करूं? आतंकवादी हमले में देश के लोग मारे जा रहे हैं तो सवाल किस मुद्दे पर करूं?" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस हमले का इस्तेमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए कर सकती है, जैसा कि उनके अनुसार, 2019 के पुलवामा हमले के बाद हुआ था। नेहा ने कहा, "नरेंद्र मोदी की सरकार में आतंकवादी हमले हो गए तो सवाल क्या जिन्ना और नेहरू जी से पूछा जाएगा? अब दो-चार दिनों की बात है, फिर रोते हुए बिहार चुनाव की नींव डाली जाएगी और अंधभक्त इसके रील्स शेयर करेंगे।"



इन बयानों को कुछ लोगों ने सरकार की आलोचना के रूप में देखा, जबकि अन्य ने इसे राष्ट्रविरोधी और भड़काऊ करार दिया। खास तौर पर, नेहा के बयानों का पाकिस्तानी सोशल मीडिया और मीडिया में वायरल होना विवाद का एक बड़ा कारण बना। एक पाकिस्तानी हैंडल 'पीटीआई प्रोमोशन' ने नेहा के वीडियो को साझा करते हुए दावा किया कि "इस भारतीय लड़की ने पहलगाम हमले के पीछे की सच्चाई का खुलासा किया है।" इसने भारत में कई लोगों के बीच आक्रोश को और बढ़ा दिया, और नेहा को देशद्रोही तक कहा जाने लगा।



लखनऊ में दर्ज एफआईआर और आरोप

नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में कवि अभय प्रताप सिंह उर्फ अभय सिंह निर्भीक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 196(1)(ए), 196(1)(बी), 197(1)(ए), 197(1)(बी), 197(1)(सी), 197(1)(डी), 353(1)(सी), 353(2), 302, 152 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 69ए के तहत दर्ज की गई। शिकायत में आरोप लगाया गया कि नेहा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के माध्यम से निम्नलिखित अपराध किए:

राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाना: नेहा के बयानों को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा माना गया।


सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना: शिकायत में कहा गया कि नेहा ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के धर्म को लेकर सवाल उठाए, जिससे दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है।

राष्ट्रविरोधी बयान: उनके बयानों को पाकिस्तानी मीडिया द्वारा भारत के खिलाफ प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।

सार्वजनिक शांति भंग करना: नेहा के बयानों को भड़काऊ और समाज में अस्थिरता फैलाने वाला बताया गया।

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि नेहा के वीडियो और ट्वीट भारत के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से बनाए गए थे। इसके अलावा, अमिता सचदेवा नामक एक अन्य व्यक्ति ने भी नेहा पर भारत-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।


एफआईआर दर्ज होने के बाद नेहा सिंह राठौर ने चुप्पी तोड़ते हुए अपने एक्स हैंडल पर एक 1 मिनट 24 सेकेंड का वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने सरकार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, "पहलगाम हमले के जवाब में सरकार ने अब तक किया क्या है? मेरे ऊपर एफआईआर। सरकार मेरे ऊपर एफआईआर करवाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। क्या यह बात समझना इतना मुश्किल है? अरे दम है तो आतंकवादियों का सिर लेकर आइए। अपनी नाकामियों का ठीकरा मेरे कपार पर मढ़ने की कोई जरूरत नहीं है।"

नेहा ने अपने वीडियो में यह भी कहा कि लोकतंत्र में सवाल पूछना हर नागरिक का अधिकार है, और सरकार को उनके सवालों से परेशानी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें जानबूझकर निशाना बना रही है क्योंकि वे असहज और मुश्किल सवाल उठाती हैं। नेहा ने अपने एक अन्य पोस्ट में लिखा, "मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है… दर्ज होनी चाहिए। इतने बड़े लोकतंत्र में एक साधारण लड़की कैसे सवाल पूछ सकती है! लोकतंत्र का आकार तो देखो! यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भाई!" इस पोस्ट में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया।

नेहा ने यह भी बताया कि उनके पास वकील की फीस देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं और उनके बैंक खाते में केवल 519 रुपये बचे हैं। उन्होंने अपने प्रशंसकों से मदद की अपील की, जिसके बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उनका समर्थन किया।