कौन है आकाश आनंद की पत्नी प्रज्ञा जिस पर भड़की हुई हैं मायावती
Editor : Manager User | 06 March, 2025
आकाश आनंद और प्रज्ञा की शादी पिछले 26 मार्च को गुरुग्राम में हुई थी. प्रज्ञा एक वक्त मायावती के सबसे करीबी माने जाने वाले नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी हैं. इसी महीने 12 फरवरी को मायावती अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं.

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कौन है आकाश आनंद की पत्नी प्रज्ञा जिस पर भड़की हुई हैं मायावती, भतीजे आकाश आनंद क्यों पार्टी से मायावती ने निकाला बाहर, आकाश आनंद के ससुर का इस पूरे मामले से क्या है कनेक्शन, कभी उत्तराधिकारी घोषित किया, अब पार्टी से ही निकाला ऐसी नौबत क्यों आई, आकाश आनंद के खिलाफ हुए इस ऐक्शन के पीछे की आखिर क्या है कहानी, कैसे सबकुछ बिगड़ता चला गया, कैसे सबसे लाडले भतीजे को मायावती ने लगा दिया किनारे? इन सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल में आपको मिल जाएंगे।
आकाश आनंद पर ऐक्शन से पहले बीएसपी की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी हुआ है। इस प्रेस रिलीज को आप पढ़ेंगे तो पूरी कहानी खुद समझ आ जाएगी। इसमें मायावती की तरफ से लिखा गया है, "जहां तक इस मामले में आकाश आनंद का सवाल है तो आपको यह मालूम है कि अशोक सिद्धार्थ की लड़की के साथ इनकी शादी हुई है और अब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है तथा आकाश पर भी उसकी लड़की का कितना प्रभाव पड़ता है? तो यह सब भी हमें देखना होगा. अभी तक उनका असर कतई पॉजिटिव नहीं लग रहा है. ऐसे में पार्टी मूवमेंट के हित में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है. मायावती ने इस पूरे मामले के लिए आकाश आनंद के ससुर को जिम्मेदार ठहराया है। प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया है, ऐसे में पार्टी व मूवमेंट के हित में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है. जिसके लिए पार्टी नहीं बल्कि पूर्ण रूप से इसका ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार है जिसने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ आकाश आनंद के पॉलिटिकल करियर को भी खराब कर दिया है."
इसके बाद मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के सभी अहम पदों से मुक्त कर दिया था। लेकिन पार्टी में आकाश बने हुए थे। इसी बीच का एक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें उन्होंने बगैर नाम लिए बसपा के कई पदाधिकारियों पर सवाल उठाए थे। आकाश आनंद का ये भाषण कब का है, इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन माना जा रहा है कि इसी भाषण के सामने आने के बाद मायावती नाराज हुईं और उन्होंने आकाश को पार्टी से भी निकाल दिया। हालांकि आकाश आनंद को पार्टी से निकालने की वजह खुद मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर बताई है। मायावती ने वहां लिखा है, बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूँ। इसलिए परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
अब चलिए बताते हैं कि आखिर आकाश आनंद की पत्नी प्रज्ञा कौन हैं जिस पर मायावती बेहद नाराज हैं। आकाश आनंद और प्रज्ञा की शादी पिछले 26 मार्च को गुरुग्राम में हुई थी. प्रज्ञा एक वक्त मायावती के सबसे करीबी माने जाने वाले नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी हैं. इसी महीने 12 फरवरी को मायावती अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं. आकाश की पत्नी प्रज्ञा पेशे से डॉक्टर हैं. उन्होंने लंदन से एमबीबीएस की पढ़ाई की है. आनंद और प्रज्ञा, दोनों लंदन से ही पढ़े हुए हैं. आनंद ने वहां से एमबीए की पढ़ाई की थी। कहा जा रहा है कि पिता सिद्धार्थ आनंद को पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रज्ञा खुश नहीं थीं। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि मायावती को ऐसा लगता है कि सिद्धार्थ आनंद, आकाश आनंद और प्रज्ञा की तिकड़ी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है। लेकिन यहां एक और दिलचस्प बात है। एक तरफ जहां भतीजे पर मायावती नाराज हैं वहीं अपने भाई आनंद कुमार पर उनका भरोसा पूरी तरह से कायम है। उन्होंने आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी देते हुए साफ-साफ कहा है कि आनंद कुमार ने अभी तक उन्हें निराश नहीं किया है। मायावती ने आनंद कुमार को दिल्ली में पार्टी के सारे कार्यों की जिम्मेदारी दी है. लेकिन यहां एक बात और गौर करने लायक है। मायावती ने कहा है कि जबतक वे जीवित रहेंगी, अपना कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं करेंगी। इसका मतलब साफ है कि फिलहाल आकाश आनंद के लिए बीएसपी के दरवाजे पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
हालांकि एक वक्त था जब आकाश को मायवाती सबसे अधिक प्रेम करती थीं. आकाश को राजनीति का ककहरा भी मायावती ने ही सिखाया । २०१७ में जब लंदन से आकाश लौटे थे मायावती खुद अपने साथ सहारनपुर ले गई थीं जहां ठाकुर-दलित संघर्ष हुआ था. सितंबर 2017 में मायावती ने खुद आकाश आनंद को पार्टी कार्यकर्ताओं से औपचारिक रूप से मिलवाया था। 2019 आते-आते आकाश पार्टी में सक्रिय रोल निभा रहे थे और उन्हें मायावती को ट्विटर पर भी लाने का श्रेय जाता है. 2021 में मायावती ने आकाश को बीएसपी का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया, दिसंबर 2023 को लखनऊ में एक बैठक में मायावती ने आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया लेकिन २०२४ खत्म होते-होते रिश्ते खराब होते चले गए. 7 मई 2024 को, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के बाद, मायावती ने अचानक आकाश को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया। लेकिन 2024 के चुनाव के बाद एक बार फिर से आकाश आनंद की बसपा की राजनीति में वापसी हुई. मायावती ने उन्हें एक तरह का प्रमोशन दिया और सांगठनिक और कैंपेन से.. जुड़ीं राष्ट्रीय जिम्मेदारियां दे दी> कहा जाता है कि आकाश को दोबारा पार्टी में लाने के पीछे उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ही थे। अशोक सिद्धार्थ पहले मायावती के नजदीकी सर्किल के नेता थे. वे मायावती के वफादारों की पहली सूची में आते थे. मायावती ने पहले उन्हें विधान परिषद (एमएलसी) और २०१६ में राज्यसभा सांसद भी बनाया। मायावती के ही भरोसा जताने पर अशोक की बेटी प्रज्ञा और आकाश आनंद की शादी भी हुई थी लेकिन अब मामला पूरी तरह से उलट चुका है। अब अशोक सिद्धार्थ को भी मायावती पार्टी से निकाल चुकी हैं। उनकी बेटी यानी आकाश की पत्नी को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं और भतीजे आकाश को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।