बिहार की सियासत में चिराग पासवान का बड़ा बयान: एनडीए सरकार, पुलिस प्रशासन, और विपक्ष पर हमला
Editor : Shubham awasthi | 26 July, 2025
बिहार की राजनीति हमेशा से अपने गतिशील और जटिल समीकरणों के लिए जानी जाती रही है। इस बार, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के ताजा बयानों ने बिहार की सियासत में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है।

Source or Copyright Disclaimer
चिराग पासवान ने एक ओर अपनी ही गठबंधन सहयोगी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर तीखे सवाल उठाए हैं, तो दूसरी ओर विपक्षी दलों, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। गया में एक महिला अभ्यर्थी के साथ दुष्कर्म की घटना और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर उनके बयानों ने न केवल बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर बहस छेड़ दी है चिराग पासवान ने हाल ही में बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला बोला। गया में एक महिला अभ्यर्थी के साथ हुए दुष्कर्म की घटना ने उनके गुस्से को और भड़का दिया। उन्होंने बिहार पुलिस और प्रशासन को 'निकम्मा' करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं राज्य में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति को उजागर करती हैं। चिराग ने सवाल उठाया, "बिहारी अब और कितनी हत्याओं और अपराधों की भेंट चढ़ेंगे? समझ से परे है कि बिहार पुलिस की जिम्मेदारी क्या है?"
यह पहली बार नहीं है जब चिराग ने अपनी ही गठबंधन सरकार पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी उन्होंने मुजफ्फरपुर में एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और पटना में एक मरीज की मौत जैसे मामलों पर सरकार की आलोचना की थी। उनकी यह रणनीति न केवल बिहार की जनता के बीच उनकी छवि को एक जिम्मेदार और साहसी नेता के रूप में मजबूत करती है
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों, विशेष रूप से राजद और कांग्रेस, ने तीखा विरोध जताया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए और विधानसभा में बहस की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मतदाता सूची से लाखों लोगों के नाम काटे गए, तो विपक्ष चुनाव बहिष्कार पर विचार कर सकता है। इस पर चिराग पासवान ने तेजस्वी को खुली चुनौती दी और कहा, "मैं तो कह रहा हूं कि वे करके दिखा दें अगर हिम्मत है तो। ये वो राजनीतिक दल हैं जो अकेले भी नहीं लड़ सकते।
चिराग ने यह भी दावा किया कि एसआईआर की प्रक्रिया पूरी तरह से चुनाव आयोग द्वारा संचालित है, जो एक संवैधानिक संस्था है, और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर झूठ फैलाकर जनता में भय पैदा करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि उसे अपनी हार दिख रही है। चिराग ने कहा, "विपक्ष हर चुनाव के बाद फर्जी वोट और धांधली की शिकायत करता रहा है। अब जब चुनाव आयोग उनकी मांग पर ही मतदाता सूची को शुद्ध करने की प्रक्रिया चला रहा है, तो वे इसका विरोध कर रहे हैं
बिहार में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिति आगामी विधानसभा चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा बनने जा रहा है। हाल के महीनों में पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या, नालंदा में दो युवकों की गोली मारकर हत्या, और गया में दुष्कर्म की घटना ने जनता में डर का माहौल पैदा किया है। चिराग ने इन घटनाओं को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि अगर ऐसी घटनाएं शहरी इलाकों में हो रही हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और भी बदतर होगी।
विपक्षी नेता तेजस्वी यादव भी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह से अराजकता में डूबी है और मुख्यमंत्री मौन क्यों हैं? तेजस्वी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर भी विधानसभा में बहस की मांग की है।
चिराग ने हाल ही में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की तारीफ की, जिन्होंने उनके नारे "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" को अपनाया। चिराग ने कहा, "कोई किसी के एजेंडे को हाईजैक नहीं कर सकता, अगर मकसद सही हो।" यह बयान न केवल उनकी उदारता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि वे बिहार की सियासत में एक बड़े गठजोड़ की संभावनाओं को खुला रखना चाहते हैं