महाकुंभ का 'अघोरी बाबा' और 27 साल का वो राज
Editor : Manager User | 01 February, 2025
यह कहानी है झारखंड के धनवाद में रहने वाले एक एक परिवार की। इस परिवार का एक रिश्तेदार महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचा। स्नान करके जब वो घाट पर पहुंचे तो उन्होंने एक अघोरी साधु को देखा। इस साधु को देखते ही उन्हें लगा कि वे तो इस बाबा को पहचानते हैं। इनकी शक्ल तो किसी से मिलती जुलती है।

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महाकुंभ की एक ऐसी कहानी आज मैं आपको सुनाने जा रही हूं जिस पर विश्वास कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा। लेकिन ये कहानी है बिल्कुल सच। ये कहानी है एक पत्नी की 27 साल के इंतजार की...ये कहानी है एक पति के अघोरी बाबा बन जाने की। महाकुंभ के अघोरी बाबा की इस कहानी को जिसने भी सुना उसके होश उड़ गए। महाकुंभ के इस अघोरी बाबा का सच जितना सुखद है, उसके पीछे की कहानी उतनी ही दुखद है। तो चलिए एक पति और पत्नी के इंतजार और ईश्वर पर विश्वास की इस कहानी से आपको रूबरू कराते हैं, जहां वो पति है जो अब अघोरी बाबा बन चुका है। एक पत्नी है जो 27 साल बाद अपने पति को पहचानकर अब उसे पा लेना चाहती है। लेकिन एक कसक भी है...वो क्या है वीडियो में हम आपको बताएंगे। तो चलिए वीडियो शुरू करते हैं। नमस्कार, मैं हूं अंजलि मिश्रा और आप देखना शुरू कर चुके हैं 24 अड्डा
यह कहानी है झारखंड के धनवाद में रहने वाले एक एक परिवार की। इस परिवार का एक रिश्तेदार महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचा। स्नान करके जब वो घाट पर पहुंचे तो उन्होंने एक अघोरी साधु को देखा। इस साधु को देखते ही उन्हें लगा कि वे तो इस बाबा को पहचानते हैं। इनकी शक्ल तो किसी से मिलती जुलती है। फिर उन्हें याद आया कि 1998 में उनके एक रिश्तेदार गंगासागर यादव लापता हो गए थे और ये चेहरा उनसे ही मिलता जुलता है। उन्होंने तुरंत अघोरी बाबा की तस्वीर खींची और उस परिवार को भेज दिया, जिस परिवार से गंगासागर गायब हुए थे।
इस तस्वीर को जब वो पत्नी देखी जिसे 27 साल से अपने पति का इंतजार था तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वही लंबे दांत, माथे पर चोट और घुटने पर निशान हर एक पहचान जानी-पहचानी। फिर क्या था धनवा देवी अपने बेटे कमलेश और विमलेश को लेकर अपने पति को वापस पा लेने की चाह लेकर कुंभ पहुंच गईं। पूरे रास्ते भगवान से प्रार्थना करती रहीं कि उनका पति मेले में ही हो।
लेकिन 27 साल का यह इंतजार शायद अभी और लंबा होने वाला है। 65 वर्षीय 'अघोरी' बाबा ने धनवा देवी या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को पहचानने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि इन्हें पहचानने में कोई दिक्कत हो रही है,. मैं वो हूं ही नहीं जिसे ये लोग तलाश रहे हैं। लेकिन धनवा देवी को विश्वास है गंगा मईया पर। वे कहती हैं कि नहीं ये मेरे पति ही हैं। भगवान ने मेरी सुन ली है और मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इन्हें पा लूंगी।
गंगासागर यादव जहां किसी भी संबंध से इनकार कर रहे हैं, वहीं धनवा देवी का भरोसा है कि ये उनके पति गंगासागर ही हैं। परिवार ने कुंभ मेला पुलिस को सूचित कर दिया है और उनके रिश्ते को पुख्ता तौर पर साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं। धनवा देवी के भाई मुरली यादव कहते हैं, "हम कुंभ मेले के खत्म होने तक इंतजार करेंगे। अगर टेस्ट में नतीजे नहीं मिलते तो हम बाबा राजकुमार से माफ़ी मांग लेंगे।" उधर, धनवा देवी सरकार से गुहार लगा रही हैं कि मेरे पति को उनके परिवार से मिलवाया जाए।'' धनवा देवी का दावा है कि सत्ताईस साल पहले, एक उत्सव के दौरान, वह यह कहकर चले गए थे कि वह इस उनके लिए साड़ी खरीदने जा रहे हैं और फिर कभी नहीं लौटे लेकिन उन्हें विश्वास था कि वे जरूर लौटेंगे और अब वे लौट आए हैं। हालांकि अघोरी बाबा ने इससे इनकार किया है। इस मामले में आपकी क्या राय है, कमेंट कीजिए।