महाकुंभ में स्थापित हुआ विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र, जानें इसके बारे में सबकुछ
Editor : Admin User | 25 January, 2025
महाकुंभ दुनिया का केंद्र बना हुआ है, और इसका मुख्य आकर्षण है दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य महामृत्युंजय यंत्र। महामृत्युंजय यंत्र 52 फीट लंबा, 52 फीट चौड़ा है, और 52 फीट ऊंचा भी है। इसका मुख्य उद्देश्य महाकुंभ के सुरक्षित और सकुशल संपन्न होने के साथ-साथ करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा भोलेनाथ की कृपा सभी भक्तों पर बनाए रखना है।

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महाकुंभ दुनिया का केंद्र बना हुआ है, और इसका मुख्य आकर्षण है दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य महामृत्युंजय यंत्र। महामृत्युंजय यंत्र 52 फीट लंबा, 52 फीट चौड़ा और 52 फीट ऊंचा भी है। इसका मुख्य उद्देश्य महाकुंभ के सुरक्षित और सकुशल संपन्न होने के साथ-साथ करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा भोलेनाथ की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे इस उद्देश्य से इसकी स्थापना हुई है।
यंत्र की स्थापना होते ही, लगातार महामृत्युंजय यज्ञ हो रहा है। इसे देखने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। साथ ही, यज्ञ में आहुति डालने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में भक्तगण यहां आते हैं। यंत्र की स्थापना हरियाणा के हिसार के महामृत्युंजय पीठ के आचार्य स्वामी सहजानंद ने कराई है। यह यंत्र बहुत ही सुंदर है, और सूर्य की किरणें इसे और भी खूबसूरत बना देती हैं। इसे तैयार करने में यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और हरियाणा के सौ से ज्यादा कारीगरों ने महीनों की मेहनत और परिश्रम किया है।
यंत्र को अष्ट धातुओं का आधार दिया गया है। इसमें लोहे की प्लेट्स और लकड़ी के प्लाई बोर्ड के साथ दूसरी चीजों का भी प्रयोग किया गया है। यहां, एक तरफ श्रद्धालु दर्शन व परिक्रमा करते हैं, तो दूसरी तरफ महामृत्युंजय यज्ञ होता रहता है। शाम की आरती न केवल भव्य, बल्कि बहुत ही मनमोहक होती है।
ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ल का कहना है कि वैदिक ज्योतिष में 52 अंक का बहुत खास महत्व होता है। इसी कारण, यंत्र 52 के गुणांक में ही स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना से निश्चित ही महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की रक्षा होगी। साथ ही, वह सुरक्षित अपने धाम को वापस पहुंचेंगे। महाकुंभ में जिस स्थान पर महामृत्युंजय यंत्र को स्थापित किया गया है, वहां प्रसिद्ध भजन गायक मिश्र बंधु लोगों को भगवान भोलेनाथ से जुड़े भजनों व गीतों को सुनाते रहते हैं।
स्वामी सहजानंद सरस्वती के मुताबिक, इस यंत्र के मात्र दर्शन से न केवल अकाल मृत्यु से बचाव होता है, बल्कि लोग दीर्घायु व निरोगी होते हैं। इसके अलावा कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है। साथ ही, मनुष्य का जीवन सुखमय व शांतिपूर्ण तरीके से चलता है। आयोजन में शामिल सद्गुरु मां ऊषा का कहना है कि इसकी परिकल्पना तीन दशक पहले ही की गई थी और अब इसे मूर्त रूप दिया जा सका है। यह महामृत्युंजय यंत्र महाकुंभ क्षेत्र में सेक्टर 21 में झूसी की तरफ सोहम आश्रम के पास स्थापित किया गया है।