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थीम, चीफ गेस्ट, हिस्ट्री और महत्व, 26 जनवरी के बारे में एक क्लिक पर जानें सबकुछ

Editor : Admin User | 24 January, 2025

गणतंत्र दिवस भारत गणतंत्र का एक राष्ट्रीय पर्व है।जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।इस वर्ष 2025 में भारत का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इंडोनेशिया राष्ट्रपति प्रभावों सुवियंतो 2025 के मुख अतिथि हैं। एक स्वतंत्रत गणतंत्र बनाने। और देश में कानून का राज्य स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 2

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गणतंत्र दिवस भारत गणतंत्र का एक राष्ट्रीय पर्व है।जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।इस वर्ष 2025 में भारत का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इंडोनेशिया राष्ट्रपति प्रभावों सुवियंतो 2025 के मुख अतिथि हैं। एक स्वतंत्रत गणतंत्र बनाने। और देश में कानून का राज्य स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

इस दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।



गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या में राष्ट्रीय राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं।स्कूलों,कॉलेजों आदि में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत गणराज्य के राष्ट्रपति दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारतीय ध्वज फहराते हैं। राजधानी दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली को खूब अच्छी तरह सजाया जाता है कर्तव्य पथ पर बड़ी धूमधाम से परेड निकलते हैं। जिसमें विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियां होती हैं। देश के कोने-कोने से लोग दिल्ली में 26 जनवरी की परेड देखने आते हैं। भारतीय सेना के अस्र - शास्त्रों का प्रदर्शन होता है।26 जनवरी के दिन धूमधाम से राष्ट्रपति की सवारी निकाली जाती है। तुझे बहुत से मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। देश के हर कोने में जगह-जगह ध्वजवंदन होता है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षौल्लास उल्लास के साथ मनाते हैं। भारत के हर कोने-कोने में मनाया जाता है और देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है। 



गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगाकर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था। सन 1929 में दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ इसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 2019 तक भारत को स्वायत्तियोपनिवेश का पद प्रधान नहीं करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित इकाई बन जाने पर भारत की पूर्ण स्वतन्त्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। उस दिन 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके पश्चात स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1946 से आरंभ कर दिया।



संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू ,डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण में कल 22 समितियां थी जिसमें प्रारूप समिति सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण संविधान लिखना या निर्माण करना था। प्रारूप समिति के अध्यक्ष विधि विविधता डॉ भीमराव अंबेडकर थे। प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने 2 वर्ष 11माह 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपुर्द किया गया,इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कल 114 दिन बैठक की। इसकी पेट को मैं प्रेस और जनता को भाग लेने के स्वतंत्रता थी।



अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान के दो हस्तलिखित कॉपियां पर हस्ताक्षर किया इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देशभर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की। जैसा कि आप सभी जानते है कि 15 अगस्त 1947 को अपना देश हजारों देशभक्तों के बलिदान के बाद अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को अपने देश में भारतीय शासन और कानून व्यवस्था लागू हुई।


(इस खबर में प्रकाशित तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है)