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तेज प्रताप यादव - पायलट की उड़ान, बिहार की सियासत.

Editor : Shubham awasthi | 08 May, 2025

बिहार की मिट्टी में कुछ खास है। यह वही धरती है, जहां चाणक्य ने दुनिया को रणनीति सिखाई, जहां बुद्ध ने शांति का संदेश दिया, और जहां गंगा की लहरें मेहनतकश लोगों की कहानियां सुनाती हैं।

तेज प्रताप यादव - पायलट की उड़ान, बिहार की सियासत.

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2025 का साल बिहार के लिए एक नया मोड़ लाने वाला है। विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी है, और इस सियासी रणभूमि में एक नाम गूंज रहा है - तेज प्रताप यादव। "22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकवादियों ने पर्यटकों पर बर्बर हमला किया। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया और परिवारों के सामने उनके परिजनों को गोली मार दी वही अब तेज प्रताप यादव अपने सोशल मीडिया x पर पोस्ट करते हुए लिखते हैं पायलट की ट्रेनिंग अगर देश के काम आ सकती है तो,मैं तेज प्रताप यादव हर समय देश की सेवा के लिए तत्पर हूँ।आपके जानकारी के लिए बता दू की मैने भी पायलट की ट्रेनिंग ले रखी है और देश के लिए मेरी जान भी चली जाए तो अपने आपको भाग्यशाली समझुगा।जय हिंद


बिहार की सियासत में तेज प्रताप का जादू

2025 के चुनाव में बिहार की सियासत कई रंगों में रंगी है। एक तरफ नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी का एनडीए गठबंधन है, जो विकास और स्थिरता का दावा कर रहा है। दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी और महागठबंधन रोजगार, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के मुद्दों को उठा रहा है। इसके बीच, तेज प्रताप यादव अपनी अनोखी शैली और जमीनी जुड़ाव के साथ एक अलग छाप छोड़ रहे हैं।

तेज प्रताप की रैलियां बिहार के गांव-गांव में चर्चा का विषय हैं। उनकी सादगी, हास्य, और जनता से सीधा संवाद उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाता है। लेकिन इस बार, उनकी पायलट प्रशिक्षण की कहानी ने उनकी छवि को और निखारा है। एक रैली में उन्होंने कहा, "मैंने आसमान को छुआ है, लेकिन मेरा दिल बिहार की मिट्टी में बसता है। अगर मेरा पायलट प्रशिक्षण बिहार के एक भी बच्चे को प्रेरित कर सके, तो मैं अपनी जिंदगी को सार्थक मानूंगा।


तेज प्रताप यादव बिहार की सियासत का एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के पुत्र, और बिहार की जनता के बीच "लालटेन" की रोशनी फैलाने वाले योद्धा। लेकिन तेज प्रताप सिर्फ एक राजनेता नहीं हैं। वे एक पर्यावरण प्रेमी हैं, जिन्होंने पेड़ लगाने और नदियों को बचाने की मुहिम चलाई। वे एक आध्यात्मिक इंसान हैं, जो वृंदावन की गलियों में भक्ति में लीन हो जाते हैं। और अब, वे एक प्रशिक्षित पायलट हैं, जिन्होंने आसमान को छूने का हुनर सीखा है।


पायलट प्रशिक्षण: अनुशासन और साहस की मिसाल

पायलट बनना कोई बच्चों का खेल नहीं है। यह एक ऐसी यात्रा है, जो धैर्य, अनुशासन, और साहस की मांग करती है। तेज प्रताप यादव ने इस कठिन राह को चुना और इसे पूरा किया। उनके प्रशिक्षण की कहानी बिहार के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखता है।

पायलट प्रशिक्षण के चरणों में शामिल हैं: ग्राउंड स्कूल: यहां तेज प्रताप ने विमानन के सिद्धांत, नेविगेशन, मौसम विज्ञान, और विमान की तकनीकी प्रणालियों को समझा। यह चरण दिमाग को तेज करता है और हर स्थिति के लिए तैयार करता है।



विवादों से हैं गहरा नाता

मार्च 2025 में होली के मौके पर तेज प्रताप यादव एक बड़े विवाद में घिर गए, जब उन्होंने अपने सरकारी आवास पर एक पुलिस कर्मी, दीपक कुमार, को डांस करने के लिए मजबूर किया। वायरल वीडियो में तेज प्रताप माइक पर कहते नजर आए, "ऐ सिपाही, दीपक, ठुमका लगाओ, नहीं तो सस्पेंड कर दिए जाओगे। बुरा न मानो, होली है।पटना पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की। दीपक कुमार को तेज प्रताप की सुरक्षा से हटा दिया गया और लाइन हाजिर कर दिया गया। इस घटना ने आरजेडी की छवि को नुकसान पहुंचाया, खासकर जब तेजस्वी यादव कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेर रहे थे। विपक्षी नेताओं, जैसे हम प्रवक्ता श्याम सुंदर शर्मा, ने तेज प्रताप के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे "जंगलराज" की वापसी का प्रतीक बताया, जिसमें सिपाही की बेबसी और तेज प्रताप की गुंडागर्दी साफ दिखी।


भारतीय सेना, जो सीमाओं पर देश की रक्षा करती है, हमेशा से साहस और बलिदान का प्रतीक रही है। तेज प्रताप का यह बयान कि वे अपनी जान भी देश के लिए कुर्बान करने को तैयार हैं, सेना के जवानों की उस भावना से मेल खाता है, जो राष्ट्र के लिए सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी इस पोस्ट ने युवाओं के बीच खासा उत्साह पैदा किया। एक यूजर ने लिखा, "जब नेता सिर्फ वोट की बात नहीं, बल्कि देश की रक्षा की बात करते हैं, तो दिल जीत लेते हैं।"2025 का बिहार विधानसभा चुनाव कई मुद्दों पर लड़ा जा रहा है - रोजगार, शिक्षा, बाढ़ प्रबंधन, और सामाजिक न्याय। लेकिन तेज प्रताप ने अपनी देशभक्ति और सेना के प्रति समर्पण को इस चुनाव में एक नया आयाम दिया है। उनकी रैलियों में अब न केवल लालटेन की रोशनी, बल्कि तिरंगे का जज्बा भी दिखता है। एक रैली में उन्होंने कहा, "हमारी सेना दिन-रात सीमाओं पर खड़ी है। अगर मेरा पायलट प्रशिक्षण उनकी मदद कर सकता है, तो मैं हर पल तैयार हूँ।" यह बयान बिहार की जनता, खासकर युवाओं और पूर्व सैनिकों, के बीच गहरी छाप छोड़ रहा है।