ऑपरेशन सिंदूर: भारत की साहसिक जवाबी कार्रवाई और नारी शक्ति की नई मिसाल
Editor : Shubham awasthi | 08 May, 2025
6 से 7 मई 2025 की रात, जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया, यह न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि भारत की संप्रभुता, एकता और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक थी

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यह ऑपरेशन पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए क्रूर आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या की गई थी। इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि भारत की नारी शक्ति को भी वैश्विक मंच पर स्थापित किया। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी साहसी महिला सैन्य अधिकारियों ने इस ऑपरेशन की कहानी को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर एक नया इतिहास रचा..
पहलगाम हमला: आतंक की बर्बरता
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकवादियों ने पर्यटकों पर बर्बर हमला किया। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया और परिवारों के सामने उनके परिजनों को गोली मार दी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे "कश्मीर की शांति को भंग करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश" करार दिया। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई, जो 2008 के मुंबई हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला था।
आतंकियों ने महिला को जिंदा छोड़ते हुए कहा, "जाओ और मोदी को बता देना।" यह न केवल भारत के नागरिकों के खिलाफ हमला था, बल्कि भारत सरकार और इसके नेतृत्व को खुली चुनौती थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग को और तेज कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक का जवाब
पहलगाम हमले के ठीक दो सप्ताह बाद, भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए आतंकवाद को करारा जवाब दिया। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात 1:05 बजे शुरू हुआ और मात्र 25 मिनट में, भारतीय सशस्त्र बलों—थलसेना, वायुसेना और नौसेना—ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्र, भर्ती केंद्र और लॉन्च पैड शामिल थे।
ऑपरेशन की सटीकता और गति ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि "विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर लक्ष्यों का चयन किया गया, और यह सुनिश्चित किया गया कि कोई आम नागरिक निशाना न बने।" ऑपरेशन में मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप, सियालकोट का सरजल कैंप, और बहावलपुर का मरकज सुहानअल्ला जैसे प्रमुख आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए। ये वही ठिकाने थे, जहां 2008 के मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब और डेविड हेडली ने प्रशिक्षण लिया था।
इस कार्रवाई में 80 से 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं। यह ऑपरेशन न केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करने में सफल रहा, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक कौशल को भी प्रदर्शित किया।
नारी शक्ति की मिसाल: कर्नल सोफिया कुरैशी
ऑपरेशन सिंदूर की कहानी को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने वाली पहली अधिकारी थीं कर्नल सोफिया कुरैशी, जो भारतीय सेना की सिग्नल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। गुजरात के वडोदरा में 1981 में जन्मी सोफिया का परिवार सैन्य पृष्ठभूमि से है। उनके दादा और पिता दोनों ही सेना में सेवारत रहे, जिसने सोफिया को देश सेवा के लिए प्रेरित किया।
सोफिया ने बायोकेमेस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से सेना में शामिल हुईं। उनकी सैन्य यात्रा प्रेरणादायक रही है। 2016 में, वह अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। इस अभ्यास में 18 देशों ने हिस्सा लिया था, और सोफिया एकमात्र महिला कमांडर थीं। उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रोफेशनलिज्म ने भारत का गौरव बढ़ाया।
ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सोफिया ने आतंकी ठिकानों के वीडियो और ऑपरेशन की बारीकियों को साहस और आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि "पाकिस्तान पिछले तीन दशकों से आतंकी ढांचे का निर्माण कर रहा है, और ऑपरेशन सिंदूर इस ढांचे को ध्वस्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।" उनकी बेबाकी और स्पष्टता ने नारी शक्ति की नई मिसाल कायम की।
साहस का प्रतीक: विंग कमांडर व्योमिका सिंह
ऑपरेशन सिंदूर की दूसरी नायिका हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह, भारतीय वायुसेना की एक साहसी अधिकारी। हालांकि उनके निजी जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन उनकी प्रेस ब्रीफिंग ने उनके प्रोफेशनलिज्म और आत्मविश्वास को पूरी दुनिया के सामने ला दिया। व्योमिका ने बताया कि "ऑपरेशन सिंदूर में सटीक हमले किए गए, और किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान या नागरिक ढांचे को निशाना नहीं बनाया गया।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनकी शांत और दृढ़ आवाज ने यह संदेश दिया कि भारत की वायुसेना न केवल तकनीकी रूप से सक्षम है, बल्कि रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से भी अजेय है। व्योमिका की ब्रीफिंग ने भारत की सैन्य ताकत के साथ-साथ नारी शक्ति को भी वैश्विक मंच पर स्थापित किया।
सर्वदलीय बैठक: राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय एकता और पारदर्शिता का परिचय देते हुए 8 मई 2025 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। बैठक का उद्देश्य विपक्षी दलों को ऑपरेशन की जानकारी देना और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भविष्य की रणनीति पर चर्चा करना था।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद के सभी स्रोतों को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता अटल है। यह एकता और एकजुटता का समय है।" शरद पवार, अखिलेश यादव और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन जैसे विपक्षी नेताओं ने भी इस कार्रवाई का समर्थन किया, जिससे देश में एकजुटता का संदेश गया