लखनऊ में आम आदमी पार्टी का बिजली कटौती और कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा प्रदर्शन
Editor : Shubham awasthi | 18 June, 2025
उत्तर प्रदेश में बिजली संकट कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में यह समस्या और गंभीर हो गई है। गर्मियों के मौसम में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है

Source or Copyright Disclaimer
घंटों की बिजली कटौती आम लोगों के लिए असहनीय हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी बदतर है, जहाँ 10-12 घंटे की कटौती आम बात है। शहरों में भी अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण लोग परेशान हैं। उदाहरण के लिए, लखनऊ जैसे शहर में, जहाँ स्वास्थ्य भवन चौराहा जैसे व्यस्त इलाके हैं, वहाँ भी बिजली की अनियमितता ने व्यापारियों, छात्रों और आम नागरिकों का जीना मुहाल कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे और अन्य नेताओं ने स्वास्थ्य भवन चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान दावा किया कि योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि बिजली की कीमतों में 13 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी ने जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। यह प्रदर्शन न केवल बिजली संकट के खिलाफ था, बल्कि सरकार की उस नीति के खिलाफ भी था, जो जनता की मूलभूत जरूरतों को अनदेखा कर रही है। आप कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, जैसे “घर में अंधेरा, बाहर लू, जनता बोले — थू… थू… थू…”। यह नारा जनता की निराशा और गुस्से को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
आम आदमी पार्टी ने अपने प्रदर्शन में न केवल बिजली संकट, बल्कि उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून और व्यवस्था को भी प्रमुखता से उठाया। आप सांसद संजय सिंह ने हाल ही में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में अपराध की घटनाएँ बढ़ रही हैं, और सरकार इस मोर्चे पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध, डकैती, और हत्या जैसी घटनाएँ आम हो गई हैं, जिससे जनता में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। लखनऊ, जो उत्तर प्रदेश की राजधानी है, वहाँ भी लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
स्वास्थ्य भवन चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान आप कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार की प्राथमिकताएँ जनता की सुरक्षा और सुविधा के बजाय अन्य मुद्दों पर केंद्रित हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए और माँग की कि सरकार अपराध नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाए। आप की यह माँग न केवल शहरी क्षेत्रों, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की जनता की भावनाओं को भी प्रतिबिंबित करती है, जहाँ कानून व्यवस्था की स्थिति और भी चिंताजनक है।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व आप के अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल और जिलाध्यक्ष इरम रिजवी ने किया। प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने बिजली संकट और कानून व्यवस्था की विफलता के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियाँ और बैनर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था, “बिजली पानी जो देना सके, वो सरकार निकम्मी है” और “जो सरकार निकम्मी है, वो सरकार बदलनी है”।
आम आदमी पार्टी ने इस प्रदर्शन के जरिए न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज की, बल्कि उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन को और मजबूत करने की कोशिश की। आप ने दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकारों के उदाहरण देते हुए दावा किया कि वह जनता की समस्याओं को हल करने में सक्षम है। पार्टी ने बिजली और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाकर उत्तर प्रदेश की जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।
आप ने घोषणा की कि यह प्रदर्शन केवल शुरुआत है। पार्टी ने पूरे राज्य में इस तरह के और प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है। आप नेताओं ने कहा कि वे जनता के साथ मिलकर सरकार पर दबाव बनाएँगे ताकि बिजली आपूर्ति में सुधार हो और कानून व्यवस्था को मजबूत किया जाए। पार्टी ने यह भी माँग की कि बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए