मुकुट-तलवार-गदा और गरजते अखिलेश भाजपा पर बरसे, कहा- सवाल पूछो तो पगड़ी उछाल देते हैं।
Editor : Anjali Mishra | 05 May, 2025
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चौहान समाज के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जबरदस्त तेवर दिखाए।

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लखनऊ के मंच पर कुछ ऐसा हुआ जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। मुकुट पहना, तलवार निकाली और फिर उठाई गदा लेकिन ये कोई राजा नहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव थे। माहौल पूरी तरह बदला हुआ था, तेवर पहले से तीखे और इरादे और भी साफ। फिर शुरू हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसमें एक के बाद एक सनसनीखेज आरोपों की बारिश हुई। धान घोटाला, फायर विभाग की फिक्स इनकम, बिक रही सरकारी संपत्तियाँ अखिलेश ने हर वार सीधे सत्ता के दिल पर किया।
मुकुट-तलवार-गदा और गरजते अखिलेश भाजपा पर बरसे, कहा- सवाल पूछो तो पगड़ी उछाल देते हैं।
रविवार को लखनऊ का सियासी मौसम गर्म रहा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चौहान समाज के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जबरदस्त तेवर दिखाए। मंच पर पहले मुकुट पहनाया गया, फिर तलवार भेंट की गई। अखिलेश ने तलवार म्यान से खींची और मंच पर गदा भी उठा ली सियासत के अखाड़े में एक दमदार प्रतीकात्मक संदेश!
चमकते मंच से गरजते अखिलेश:
भाजपा पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा, "इनसे सवाल पूछो तो पगड़ी उछाल देते हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने जो करोड़ों के धान घोटाले का मामला उठाया, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि सत्ताधारी शामिल हैं।
कपिल देव को लेकर किया खुलासा:
दो दिन पहले लखनऊ आए पूर्व क्रिकेटर कपिल देव पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा, "उन्हें चमकाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वो हमारी तारीफ करके गए।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि एक DGP ने उनके नाम की पुलिस मुख्यालय पर लगी पट्टियां हटवा दी थीं।
अखिलेश की 6 बड़ी बातें:
जातीय जनगणना PDA की बड़ी जीत:
अखिलेश ने कहा कि जातीय जनगणना सपा और PDA की जीत है। भाजपा की 403 विधानसभाओं में इस बार कोई "चार सौ बीसी" नहीं चलने वाली।
भ्रष्टाचार पर खुलकर हमला:
उन्होंने कहा, "भाजपा राज में भ्रष्टाचार चरम पर है। बुंदेलखंड में मूंगफली खरीद में घोटाला हुआ, किसान को अपमानित किया जा रहा है।"
फायर विभाग पर आरोप:
लखनऊ की एक बेकरी में लगी आग का ज़िक्र करते हुए बोले, "फायर NOC बिना मिलती है, पैसा लेकर संचालन चलता है। फायर वालों का महीना फिक्स है।"
सरकार का 'बड़ा पेट':
अखिलेश बोले, "ईमानदार अधिकारी भी करोड़ों की संपत्ति जुटा लेते हैं। ये सब कमीशन और मलाईदार पोस्ट का खेल है।"
चौहान समाज को दिया धन्यवाद:
अखिलेश ने कहा, "समाजवादी पार्टी चौहान समाज की पीड़ा के साथ है। मेले और संस्कृति से इन लोगों को चिढ़ है।"
'सब कुछ बेच दे रही है भाजपा':
जेपीएनआईसी को लेकर कहा, "इनसे तो बस स्टैंड और किसान बाजार भी नहीं बचा। जेपीएनआईसी को भी बेच दो, यही काम रह गया है।"
300 किमी दौड़कर मिला युवा समर्थक:
जौनपुर से आयुष यादव नाम के युवक ने अखिलेश से मिलने के लिए 300 किलोमीटर दौड़ लगाई। अखिलेश ने इसे युवाओं के जुनून और विश्वास का प्रतीक बताया।
राकेश टिकैत की पगड़ी का जिक्र:
मुजफ्फरनगर की जन आक्रोश रैली में राकेश टिकैत की पगड़ी गिरने की घटना पर अखिलेश ने भाजपा को घेरा। बोले, "किसानों और उनके नेताओं की बेइज्जती की जा रही है, ये आंदोलन को दबाने की साजिश है।
जनता के मुद्दे, भाजपा के बहाने:
अखिलेश यादव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बात यह रही कि उन्होंने जनहित के असल मुद्दों को उठाने की कोशिश की चाहे वो किसानों की समस्या हो, आगजनी की घटनाएं हों या भ्रष्टाचार का बढ़ता जाल। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पास जनता के सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पगड़ी उछालने जैसे हथकंडे अपनाए जाते हैं।
फायर सिस्टम पर सीधा सवाल:
लखनऊ में बेकरी हादसे में दो मौतों का हवाला देते हुए अखिलेश ने फायर डिपार्टमेंट की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एनओसी (फायर सेफ्टी मंजूरी) बिना ही धंधे चल रहे हैं, और ये सब ‘महिना तय होने’ की वजह से हो रहा है। उन्होंने कहा कि हजरतगंज हादसे से लेकर ताजा आग की घटना तक, सरकार ने सिर्फ नोटिस थमाया लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए।
निजीकरण और बिकाऊ सोच पर प्रहार:
जेपीएनआईसी को लेकर अखिलेश ने कहा कि भाजपा की सरकार हर संस्थान, हर इमारत, हर ज़मीन को बेचने पर तुली है। बस स्टैंड से लेकर किसान मंडियों तक को निजी हाथों में सौंप दिया गया। उनका कहना था कि सरकार की यह नीति किसान, मजदूर और आम आदमी के भविष्य के लिए खतरा है।
सत्ता की मलाई पर ब्यूरोक्रेसी का कब्ज़ा:
अखिलेश ने आरोप लगाया कि यूपी में कुछ अधिकारी जो बाहर से लाए गए हैं, उन्हें मलाईदार पोस्टिंग देकर घोटालों में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई ईमानदार अधिकारी जिनका नाम एक फ्लैट में भी नहीं था, उनके नाम पर अब दर्जनों फ्लैट हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि सिस्टम में ऊपर से नीचे तक कमीशनखोरी फैली हुई है।
जनता से जुड़ाव का नया रूप:
आखिर में उन्होंने आयुष यादव की दौड़ का ज़िक्र कर कहा कि आज का युवा बदलाव चाहता है और समाजवादी विचारधारा से जुड़ना चाहता है। 300 किलोमीटर दौड़कर मिलने आया युवा इस बात का संकेत है कि जमीनी समर्थन अब सोशल मीडिया से निकलकर सड़कों पर दिखने लगा है। उन्होंने PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समुदाय को एकजुट रहने का संदेश भी दिया और भरोसा दिलाया कि 2024 में भाजपा की रणनीति काम नहीं आएगी।
निष्कर्ष:
लखनऊ की ये बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं थी, ये समाजवादी खेमे का आगामी चुनावों से पहले ‘शक्तिप्रदर्शन’ भी था। मुकुट, तलवार और गदा के साथ मंच पर मौजूद अखिलेश ने यह साफ कर दिया कि वह इस बार सियासी लड़ाई में पूरे आक्रामक मूड में हैं।