अपने बाप को बाप कहने को तैयार नहीं...... सपा सांसद पर फूटा योगी सरकार के मंत्री का गुस्सा।
Editor : Anjali Mishra | 29 April, 2025
ये अपने बाप को बाप नहीं मानते...... वोटों के लिए आक्रांताओं को अपना बाप मानते हैं।

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अपने बाप को बाप कहने को तैयार नहीं......
सपा सांसद पर फूटा योगी सरकार के मंत्री का गुस्सा।
इस बयान से उत्तर प्रदेश में सियासत गरमा गई है | सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर जमकर बरसे योगी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह। तीखे तेवर दिखाते हुए रघुराज सिंह ने सुमन पर विवादित बयान दे डाला।
इसी बीच, सुमन के काफिले पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को दबोच लिया है। हमला करने का आरोप करनी सेना पर लगा है |
उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है।
योगी सरकार के मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह के एक विवादित बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है।
सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर हमले के बाद रघुराज सिंह ने न सिर्फ हमले को स्वाभाविक बताया, बल्कि बेहद आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया।
बुलंदशहर में एक दलित पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन।
इस दौरान उनके काफिले पर हमला किया गया।
कई गाड़ियों के शीशे तोड़े गए और सुमन समर्थकों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
हालांकि, सवाल उठ रहे हैं कि
हमला किसने और क्यों किया?
हमले के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने अलीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया।
रघुराज सिंह ने कहा रामजीलाल सुमन जैसे लोग मुगलों की नाजायज औलाद हैं। ये अपने बाप को बाप नहीं मानते। वोटों के लिए आक्रांताओं को अपना बाप मानते हैं।
सिंह ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के साथ ऐसा होना स्वाभाविक है।
यही नहीं, हमले में शामिल युवकों की भी उन्होंने खुलेआम तारीफ की।
रामजीलाल सुमन ने हमले के लिए करनी सेना और प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
दरअसल, हाल ही में सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिससे राजपूत संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया था।
कहा जा रहा है कि इसी विवाद के चलते करनी सेना ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और बुलंदशहर में हमला किया गया।
बुलंदशहर पुलिस ने हमले में शामिल पांच युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, अभी भी मामले की जांच जारी है।
एसएसपी ने बताया
हमले की साजिश की गहनता से जांच की जा रही है और आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हमले में किसी राजनीतिक संगठन की सीधी भूमिका है।
समाजवादी पार्टी ने रघुराज सिंह के बयान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की है।
सपा प्रवक्ताओं का कहना है कि दलित नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना बीजेपी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।
रामजीलाल सुमन ने साफ तौर पर कहा है कि हम डरने वाले नहीं हैं। हमारा संघर्ष लोकतंत्र के लिए है।
रघुराज सिंह ने अपने बयान में राणा सांगा का उल्लेख करते हुए कहा राणा सांगा ने 80 घाव खाने के बावजूद देश के लिए लड़ा था।
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे भी देशभक्ति दिखाएं और कथित "आक्रांताओं" के समर्थकों का हर मोर्चे पर विरोध करें।
यह बयान उत्तर प्रदेश में राजपूत समुदाय की नाराजगी को और भड़का सकता है।
उत्तर प्रदेश में आगामी निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी जहां राजपूत वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी दलितों और पिछड़ों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
विपक्षी दलों का हमलावर रुख
रघुराज सिंह के बयान पर विपक्षी दलों ने भी आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
बीएसपी ने इसे दलित विरोधी मानसिकता करार दिया और मांग की कि मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में विपक्ष के लिए बड़ा हथियार बन सकता है।
सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन
रघुराज सिंह के बयान के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने भी प्रदर्शन किया।
दलित संगठनों ने जगह-जगह धरने और प्रदर्शन आयोजित किए।
लखनऊ, मेरठ और आगरा समेत कई शहरों में कैंडल मार्च भी निकाले गए।
संगठनों ने कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी समाज को बांटने का काम कर रही है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुप्पी पर सवाल
पूरा मामला गरमाने के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
इस चुप्पी को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं।
सपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की चुप्पी इस बयान को अप्रत्यक्ष समर्थन देती है।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या मुख्यमंत्री खुद सामने आकर इस विवाद पर स्थिति स्पष्ट करेंगे या नहीं।
कानूनी कार्रवाई की मांग
रामजीलाल सुमन ने रघुराज सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मंत्री का बयान न सिर्फ उनके अपमान का विषय है बल्कि संविधान के मूल सिद्धांतों के भी खिलाफ है।
सुमन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
सवाल उठ रहा है कि क्या इस बयान के बाद सरकार रघुराज सिंह के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी?
जनता में आक्रोश और चर्चा
ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, आम जनता के बीच इस बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
बहुत से लोग मानते हैं कि नेताओं को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए, खासकर जब वे सत्ता में हों।
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भी रघुराज सिंह के बयान की आलोचना करते हुए लिखा कि यह लोकतंत्र के मूल आदर्शों का अपमान है।
जनता अब सरकार से जवाब चाहती है।बयानबाज़ी पर या तो रोक लगे या फिर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाता है और किसे राजनीतिक फायदा मिलता है।
क्या रघुराज सिंह के इस बयान से बीजेपी को नुकसान होगा? या फिर यह आक्रामक राजनीति उन्हें फायदा पहुंचाएगी?