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संगम का पानी नहाने लायक है या नहीं? केंद्र की रिपोर्ट को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया खारिज

Editor : Manager User | 23 February, 2025

सीएम योगी ने कहा कि संगम और उसके आसपास के इलाके के सभी नालों को टैप कर दिया गया है और वहां पानी शुद्धिकरण के बाद ही छोड़ा जा रहा है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानी की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, “त्रिवेणी के पानी की गुणवत्ता पर सवाल किए जा रहे हैं.

संगम का पानी नहाने लायक है या नहीं? केंद्र की रिपोर्ट को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया खारिज

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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 3 फरवरी को एक रिपोर्ट दी थी। इस रिपोर्ट में महाकुंभ स्नान के दौरान गंगा में बैक्टीरिया के स्तर में बढ़ोतरी की बात कही गई थी। इस रिपोर्ट में यह कहा गया कि महाकुंभ मेले के दौरान फिकल कोलीफॉर्म का स्तर प्रति 100 मिलीलीटर में 2500 यूनिट की सेफ लिमिट से ज्यादा है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि संगम का पानी नहाने तो क्या आचमन करने लायक भी नहीं है। इस रिपोर्ट से यूपी सरकार की तैयारियां सवालों के घेरे में आने लगी। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमलावर हो गया। ऐसे में खुद योगी आदित्यनाथ आगे आए और उन्होंने इसे प्रोपोगेंडा बता दिया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ का दुष्प्रचार करने का प्रोपेगेंडा है। उन्होंने दावा किया कि संगम का पानी न सिर्फ नहाने के लिए बल्कि आचमन के लिए भी योग्य है। 


सीएम योगी ने कहा कि संगम और उसके आसपास के इलाके के सभी नालों को टैप कर दिया गया है और वहां पानी शुद्धिकरण के बाद ही छोड़ा जा रहा है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानी की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, “त्रिवेणी के पानी की गुणवत्ता पर सवाल किए जा रहे हैं. आज संगम के इलाके में मौजूद पानी में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा 8-9 है, जबकि BOD यानी बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 3 से कम है. इसका मतलब है कि संगम का पानी केवल नहाने ही नहीं आचमन के भी योग्य है.”


सीएम योगी ने आगे कहा, “फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया के बढ़ने में जानवरों के मल और सीवेज के पानी के लीकेज की भूमिका हो सकती है. लेकिन प्रयागराज में अभी इसका स्तर प्रति 100 मिलीलीटर में 2,500 यूनिट से कम है. इसका मतलब केवल महाकुंभ की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. NGT ने भी कहा है कि फीकल वेस्ट प्रति100 मिलीलीटर में 2,000 यूनिट से कम है.” 


तो यह तो हुआ सीएम योगी आदित्यनाथ का दावा लेकिन यह दावा ठीक उसके उलट है जो रिपोर्ट सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की तरफ से पेश है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी को रिपोर्ट सौंपते हुए साफ दावा किया कि महाकुंभ मेले के दौरान फीकल कोलीफॉर्म का स्तर प्रति 100 मिलीलीटर में 2,500 यूनिट की सेफ लिमिट से कहीं ज़्यादा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को जो रिपोर्ट दी है उसमें कहा गया है कि मेले के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अलग-अलग स्थानों पर नदी के पानी में ‘फेकल कोलीफॉर्म’ का स्तर स्नान के गुणवत्ता मानकों (क्वालिटी स्टैंडर्ड) के अनुरूप नहीं था. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच 17 फरवरी को प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में अपशिष्ट जल के बहाव को रोकने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी और तभी यह जानकारी सामने आई। इस रिपोर्ट के बाद NGT ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस मामले में व्यापक रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया। तो कुल मिलाकर एक तरफ सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से जहां संगम के पानी पर सवाल उठाया गया है, वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे पूरी तरह से खारिज कर साफ कहा है कि संगम का पानी ना सिर्फ नहाने बल्कि आचमन के लिए भी योग्य है। इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है, कमेंट कीजिए।