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महाकुंभ 2025: यहां स्थापित है विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र, जानें क्या है इसका लाभ

Editor : Manager User | 27 January, 2025

मेरे बगल में आप जो तस्वीरें देख रहे हैं यह इसी महामृत्युंजय यंत्र की तस्वीर है। महाकुंभ के सुरक्षित और सकुशल संपन्न होने के उद्देश्य से इस यंत्र को यहां लगाया गया है। साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसती रहे, सभी निरोग रहें इस कामना के साथ इस यंत्र की स्थापना की गई है।

महाकुंभ 2025: यहां स्थापित है विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र, जानें क्या है इसका लाभ

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महामृत्युंजय मंत्र के बारे में तो आपने खूब सुना होगा, इस मंत्र का पाठ भी लोग करते हैं, लेकिन अगर मैं आपसे ये पूछूं कि क्या आप महामृत्युंजय यंत्र के बारे में जानते हैं? क्या आपने कहीं इस यंत्र को देखा है? अगर नहीं तो यह वीडियो आपके लिए बेहद कारगर है। इसमें ना सिर्फ हम इस यंत्र को दिखाएंगे बल्कि उसके बारे में सारी जानकारी भी देंगे तो वीडियो अंत तक जरूर देखिएगा। 


दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य महामृत्युंजय यंत्र स्थापित किया गया है। यह महामृत्युंजय यंत्र 52 फीट लंबा, 52 फीट चौड़ा और 52 फीट ऊंचा भी है। 


मेरे बगल में आप जो तस्वीरें देख रहे हैं यह इसी महामृत्युंजय यंत्र की तस्वीर है। महाकुंभ के सुरक्षित और सकुशल संपन्न होने के उद्देश्य से इस यंत्र को यहां लगाया गया है। साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसती रहे, सभी निरोग रहें इस कामना के साथ इस यंत्र की स्थापना की गई है। जहां यह यंत्र स्थापित है वहां चौबीसों घंटे महामृत्युंजय का महायज्ञ किया जा रहा है. 


महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना हरियाणा के हिसार की महामृत्युंजय पीठ के आचार्य स्वामी सहजानंद ने कराई है. यह महामृत्युंजय यंत्र महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है. 


महामृत्युंजय पीठ से जुड़ी सद्गुरु मां ऊषा ने बताया कि इस यंत्र की परिकल्पना तीन दशक पहले ही की गई थी और अब इसे मूर्त रूप दिया जा सका है. इस यंत्र के दर्शन करने वाले अकाल मृत्यु से बच जाते हैं। साथ ही ऐसे लोग दीर्घायु और निरोगी होते हैं. ऐसे लोगों को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनुष्य का जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ता है। 


देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ल ने बताया कि इस यंत्र को 52 के गुणांक में स्थापित किया गया है. उन्होंने बताया कि वैदिक ज्योतिष में 52 अंक का खास महत्व होता है. इसी वजह से इसे इसी गुणांक में स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की रक्षा तो होगी ही, साथ ही इसके दर्शन करने वाले भी पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। फिलहाल इस यंत्र को देखने के लिए हर रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यहां हर रोज भगवान शिव का भजन कीर्तन हो रहा है। 


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