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आज सुनिए कहानी तिरंगे की, कब बना, किसने डिजाइन किया?

Editor : Admin User | 25 January, 2025

आज जब देश के हर घर में तिरंगे का शंखनाद गूंज रहा है तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर तिरंगे की शुरुआत कैसे हुई? तिरंगे के बबनने की पूरी कहानी क्या है? ये कहानी भी उतनी ही जोश भरने वाली है। तो चलिए तिरंगे की पूरी कहानी आपको बताते हैं। भारतीय तिरंगे को बनाने का श्रेय आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया को जाता है.

आज सुनिए कहानी तिरंगे की, कब बना, किसने डिजाइन किया?

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कपड़ा नहीं है मात्र वो

एक छोटा सा मेरे दोस्त,

लाखों की कुर्बानी ने

उस तिरंगे को सींचा है।


आज बात देश की आन बान शान तिरंगे की....मां भारती की अमिट पहचान तिरंगे की....सीमा पर खड़े हर जवान की मुस्कान तिरंगे की.....आज सुनिए मेरे साथ कहानी तिरंगे की....मैं तिरंगा हूं....मैं देश की धड़कन हूं...मैं ही भारत हूं...मैं ही आजादी हूं...मैं हर भारतीय का गर्व हूं...मैं भागवत का श्लोक हूं..मैं देश की आन- बान-शान हूं....मैं ही हिंदुस्तान हूं....। मैं तिरंगा हूं....। 


आज जब देश के हर घर में तिरंगे का शंखनाद गूंज रहा है तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर तिरंगे की शुरुआत कैसे हुई? तिरंगे के बबनने की पूरी कहानी क्या है? ये कहानी भी उतनी ही जोश भरने वाली है। तो चलिए तिरंगे की पूरी कहानी आपको बताते हैं। 

भारतीय तिरंगे को बनाने का श्रेय आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया को जाता है. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुरोध पर तिरंगे को डिज़ाइन किया था. तिरंगे को बनाने में कई बदलाव हुए. आखिरकार 22 जुलाई, 1947 को इसे अपनाया गया. 

पिंगली वेंकैया ने 1921 में तिरंगे को डिज़ाइन किया था. उस समय तिरंगे में केसरिया रंग की जगह लाल रंग था. लाल रंग हिंदुओं के लिए, हरा रंग मुसलमानों के लिए और सफ़ेद रंग अन्य धर्मों का प्रतीक था. उस समय झंडे में चरखे को जगह दी गई थी। चरखे को प्रगति का प्रतीक माना गया था.


गांधी जी ने उन्हें इस ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी जो संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का संकेत बना। 1931 से लाल रंग को हटाकर केसरिया रंग का इस्तेमाल किया गया. 1947 में अशोक चक्र के साथ इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया. अशोक चक्र, सम्राट अशोक की विजय का प्रतीक है. अशोक चक्र की तीलियों का नीला रंग, पिछड़ों और दलितों की अस्मिता का प्रतीक है. अब अपना तिरंगा तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र के साथ सुशोभित है। इसमें केसरिया रंग की पट्टी देश की ताकत और साहस को दर्शाती है, बीच में सफेद रंग पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है और नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है। ध्वज की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।


सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें 24 तीलियां हैं। यह इस बात प्रतीक है भारत निरंतर प्रगतिशील है|। तो ये थी तिरंगे की पूरी कहानी। गणतंत्र से जुड़ी कौन सी कहानी आपको याद है, कमेंट में बताइए। चैनल पर पहली बार आए हैं तो हमें सब्सक्राइब जरूर करिए। मिलते हैं अगले वीडियो में आप देखते रहिए 24 अड्डा।