33 दिन बाद खुलासा सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड की चौंकाने वाली साजिश।
Editor : Anjali Mishra | 13 April, 2025
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में हुए चर्चित पत्रकार हत्याकांड का पुलिस ने 33 दिन बाद सनसनीखेज खुलासा कर दिया है। इस दिल दहला देने वाली वारदात के पीछे का राज जानकर हर कोई दंग रह गया है।

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33 दिन बाद खुलासा सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड की चौंकाने वाली साजिश।
आज हम आपको लेकर चल रहे हैं उत्तर प्रदेश के सीतापुर, जहां 33 दिन पहले एक जांबाज़ पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था।
और अब इस हत्याकांड से जुड़ा चौंकाने वाला सच सामने आया है!
जिस साजिश की पटकथा रची गई थी मंदिर के भीतर और जिसकी कहानी जुड़ी है एक बाबा, उसके चेले और ब्लैकमेलिंग की खौफनाक साजिश से।
कौन था वो बाबा? क्यों बना राघवेंद्र बाजपेयी साजिश का शिकार? कैसे पुलिस की 34 दिन की कड़ी मेहनत ने खोले इस सनसनीखेज हत्याकांड के राज़?
आगे बढ़ेंगे इस पूरे मामले की परत-दर-परत तहकीकात के साथ।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में हुए चर्चित पत्रकार हत्याकांड का पुलिस ने 33 दिन बाद सनसनीखेज खुलासा कर दिया है। इस दिल दहला देने वाली वारदात के पीछे का राज जानकर हर कोई दंग रह गया है।
हत्या की वजह बनी ब्लैकमेलिंग की साजिश
पुलिस के मुताबिक, इस हत्या की साजिश एक बाबा और उसके चेले ने मिलकर रची थी। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी किसी ब्लैकमेलिंग केस में इन लोगों की पोल खोलने वाले थे, इसी डर से उन्होंने उसे रास्ते से हटाने की खौफनाक योजना बना डाली।
दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला गया
8 मार्च को महोली तहसील निवासी और एक दैनिक समाचार पत्र में संवाददाता राघवेंद्र बाजपेयी को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया। दोपहर करीब 3 बजे एक फोन कॉल आने के बाद वे बाइक से सीतापुर जिला मुख्यालय के लिए निकले थे।
जैसे ही वे लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर हेमपुर ओवरब्रिज के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें घेरकर चार गोलियां मारीं। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की 34 दिन की मेहनत रंग लाई
एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर इस केस की जांच के लिए 12 टीमें बनाई गईं। एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सत्येंद्र विक्रम सिंह की अगुवाई में पुलिस ने 1,000 से ज्यादा मोबाइल नंबर खंगाले, 125 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की और 250 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। आखिरकार इस हाई-प्रोफाइल केस की परतें खुलनी शुरू हुईं।
गिरफ्त में बाबा और उसके गुर्गे, शूटर अब भी फरार
पुलिस ने कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं हत्या को अंजाम देने वाले दोनों शूटर अभी फरार हैं। उनकी तलाश में एसटीएफ की 7 और क्राइम ब्रांच की 3 टीमें नोएडा और आसपास के इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब तक दोनों शूटर पुलिस की गिरफ्त में आते हैं और इस मामले की कड़ियां पूरी तरह सामने आती हैं।इस सनसनीखेज हत्याकांड का पूरा सच सामने आने में अब बस एक आखिरी कड़ी बाकी है| फरार शूटरों की गिरफ्तारी। क्या जल्द ही पूरा पर्दाफाश होगा|