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ईडी ने चला दिया है बड़ा वार!

Editor : Anjali Mishra | 02 May, 2025

ईडी ने चला दिया है बड़ा वार!फेमा उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेश भागे अपराधियों पर अब चलेगा कानून का सबसे सख्त डंडा।

ईडी ने चला दिया है बड़ा वार!

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ईडी ने चला दिया है बड़ा वार!

फेमा उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेश भागे अपराधियों पर अब चलेगा कानून का सबसे सख्त डंडा।5,113 नए केस 1.54 लाख करोड़ की कुर्की और अब सीधी नीलामी की तैयारी।यूपी में पहली बार FEOA के तहत एक भगोड़ा घोषित नाम है राशिद नसीम निवेशकों का पैसा लेकर दुबई भागा।लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।एएसजी की चेतावनी जल्दबाज़ी में गिरफ्तारी मत करो!”तो क्या ईडी की तेज़ कार्रवाई में लगेगा ब्रेक? या अब शुरू होगी असली जंग?


करोड़ों की ठगी कर दुबई भागा 'शाइन सिटी' का सरगना राशिद नसीम अब घोषित 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी।

लुभावने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स… करोड़ों के निवेश और फिर गायब हो गया मास्टरमाइंड।


शाइन सिटी इन्फ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड का किंगपिन राशिद नसीम, अब आधिकारिक तौर पर एक 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' है।लखनऊ की विशेष पीएमएलए अदालत के जज राहुल प्रकाश ने फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 के तहत यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उत्तर प्रदेश में यह पहला मामला है जिसमें यह कानून लागू हुआ है। इससे पहले इसी कानून के शिकंजे में आ चुके हैं।विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम।


ईडी की जांच में सामने आया कि राशिद नसीम ने रियल एस्टेट की स्कीमों के नाम पर एक हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी की। और फिर जून 2019 में नेपाल के रास्ते फर्जी पासपोर्ट से दुबई भाग गया।

ईडी ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस, लुक आउट सर्कुलर और गैर-जमानती वारंट तक जारी करवा दिए, लेकिन राशिद भारत लौटने को तैयार नहीं।

अब जब अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है, तो ईडी को उसकी संपत्तियां नीलाम कर निवेशकों की डूबी रकम लौटाने का रास्ता मिल गया है।


ईडी अब सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग नहीं, बल्कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघनों पर भी खास फोकस कर रही है। ईडी के डायरेक्टर राहुल नवीन ने साफ कहा अब होगा कड़ा एक्शन।


2014 से 2024 तक ईडी ने 5,113 नए केस दर्ज किए और 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियाँ जब्त की हैं।

2024-25 में ही 15,261 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई है। और उम्मीद है कि आने वाले सालों में यह आंकड़ा और तेज़ी से बढ़ेगा।

ईडी को जल्दबाज़ी में गिरफ्तारी नहीं करनी चाहिए। हवाला डीलरों को रिपोर्टिंग यूनिट्स में लाना होगा, तभी बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ संभव होगा।


शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स ने लखनऊ और उत्तर भारत के कई शहरों में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की रंगीन तस्वीरें पेश कीं। कम कीमत, शानदार रिटर्न और सीमित समय की स्कीमों के जरिए लाखों लोगों को अपने जाल में फंसाया गया। कई परिवारों ने अपनी जीवन भर की पूंजी इन स्कीमों में झोंक दी उन्हें यह नहीं पता था कि उनका पैसा दुबई के आलीशान होटलों और प्राइवेट ऑफिसों की भेंट चढ़ जाएगा।


जब ईडी और स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई तेज की, तो राशिद नसीम नेपाल के रास्ते एक फर्जी पासपोर्ट के जरिए देश छोड़ भाग गया। दुबई पहुंचकर उसने खुद को सुरक्षित समझा, लेकिन ईडी ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। इंटरपोल के जरिए जारी किए गए रेड कॉर्नर नोटिस ने उसके अंतरराष्ट्रीय मूवमेंट को भी मुश्किल में डाल दिया है।


राशिद को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किए जाने के बाद ईडी अब उसकी जब्त की गई 127.98 करोड़ की संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। हजारों पीड़ित परिवारों को अब एक बार फिर उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है, जिनकी जिंदगी सालों से ठगी की मार झेल रही है।


अब ईडी सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामलों तक सीमित नहीं रहना चाहती। निदेशक राहुल नवीन ने कहा है कि 2025 में एजेंसी का फोकस ‘फेमा’ कानून के उल्लंघन पर रहेगा।यानी विदेश में भेजी गई अवैध रकम, हवाला ट्रांजेक्शन और नियमों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एजेंसी कानून के हर पेंच को कसने में जुट गई है।


हालांकि, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी को आगाह भी किया है। उन्होंने कहा कि जल्दबाज़ी में गिरफ्तारी से केस अदालत में कमज़ोर हो सकता है। उन्होंने हवाला डीलरों को रिपोर्टिंग एजेंसी में शामिल करने का सुझाव दिया, ताकि वे ईडी को संदिग्ध लेन-देन की जानकारी समय रहते दे सकें। इससे एजेंसी को नेटवर्क तक पहुंचने में आसानी होगी और न्यायिक प्रक्रिया मजबूत होगी।


चौंकाने वाली बात यह है कि देश से फरार होने के बाद भी राशिद नसीम ने अपनी ठगी की गतिविधियों को बंद नहीं किया। दुबई में बैठकर उसने ऑनलाइन माध्यमों से निवेश के नए झांसे देने शुरू कर दिए। ईडी की जांच में सामने आया कि उसने वहां से भी भारत में अपने नेटवर्क के जरिए 190 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर नियंत्रण बनाए रखा। हाल ही में उसके कई करीबियों को गिरफ्तार कर ये संपत्तियाँ अटैच की गईं हैं।


बड़ा सवाल क्या वापस लाया जा सकेगा राशिद?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भारत सरकार राशिद नसीम को प्रत्यर्पण कराकर देश वापस ला पाएगी? ईडी और इंटरपोल की कार्रवाई के बावजूद दुबई से अपराधियों का प्रत्यर्पण एक लंबी कानूनी प्रक्रिया है। हालांकि अब जब वह ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित हो चुका है, तो केंद्र सरकार के पास उसे वापस लाने का नैतिक और कानूनी आधार मजबूत हो गया है। आने वाले महीनों में यह भारत की अंतरराष्ट्रीय न्याय प्रणाली के प्रभाव की भी एक बड़ी परीक्षा होगी।

भगोड़ा घोषित, संपत्ति जब्त अब क्या दुबई से भारत लाया जाएगा राशिद नसीम?जवाब भविष्य देगा, लेकिन कार्रवाई की रफ्तार अब थमेगी नहीं।