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प्रयागराज महाकुंभ तो खत्म हो गया लेकिन अभी भी लापता हैं 869 लोग

Editor : Manager User | 10 March, 2025

प्रयागराज महाकुंभ तो खत्म हो गया लेकिन अभी भी लापता हैं 869 लोग, कहां हैं ये 869 लोग जिनके परिजन अभी भी उनके इंतजार में हैं .ये आंकड़े हम नहीं दे रहे बल्कि महाकुंभ मेला क्षेत्र के खोया-पाया केंद्र के ही ये आंकड़े हैं। खोया पाया सेंटर के बाहर अभी भी लापता लोगों की तस्वीरें लगी हैं। इन्हें तलाशने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की गई है।

प्रयागराज महाकुंभ तो खत्म हो गया लेकिन अभी भी लापता हैं 869 लोग

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प्रयागराज महाकुंभ तो खत्म हो गया लेकिन अभी भी लापता हैं 869 लोग, कहां हैं ये 869 लोग जिनके परिजन अभी भी उनके इंतजार में हैं, बेबस आंखें आज भी अपनों को तलाश रही हैं, आखिर कहां गायब हो गए ये लोग....ये आंकड़े हम नहीं दे रहे बल्कि महाकुंभ मेला क्षेत्र के खोया-पाया केंद्र के ही ये आंकड़े हैं। खोया पाया सेंटर के बाहर अभी भी लापता लोगों की तस्वीरें लगी हैं। इन्हें तलाशने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की गई है। एक आस है लोगों के दिलों में कि शायद इसी बहाने कोई उनके खोए परिजन को तलाशकर उन तक पहुंचा दे। महाकुंभ तो खत्म हुआ लेकिन अपनों के वापस मिलने का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। इसे लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष ने योगी सरकार पर हमले भी तेज कर दिए हैं। नगीना से सांसद व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी पर तीखा हमला बोला है।


क्या है पूरा मामला चलिए आपको विस्तार से बताते हैं।


महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद बहुत सारे लोगों के लापता होने की भी खबरें आई थीं। अब मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर की एक पड़ताल में यह रिपोर्ट सामने आई है कि महाकुंभ से अभी भी 869 लोग लापता हैं। यह मेला क्षेत्र के खोया-पाया केंद्र के ही आंकड़े हैं लेकिन इसमें दो बातें हैं। वहां के स्टाफ ने बताया कि जो लोग खो गए, वह किसी अमृत स्नान या भगदड़ के दौरान मिसिंग नहीं हुए हैं। बल्कि ये लोग सामान्य स्नान के दिनों में यहां आए और परिजन से बिछड़ गए। इशके साथ ही स्टाफ का यह भी कहना है कि इनमें कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं, जो परिवार तक पहुंच गए, मगर खोया-पाया केंद्र को सूचना नहीं भेजी गई। इस कारण अभी तक उसे अपडेट नहीं किया जा सका है।


लेकिन दैनिक भास्कर ने वहां लापता लोगों के पोस्टर्स के जरिए कुछ लोगों के परिजनों से बातचीत की और उसमें जो बातें सामने आईं उसे सुनकर तो ऐसा ही लगता है कि अभी भी कुछ लोग अपने परिजनों से नहीं मिल पाए हैं। भास्कर ने यहां लापता के पोस्टर पर लगे 51 साल के ग्यारसा माली के परिजनों को फोन घुमाया तो उनके बेटे ने बताया कि अभी तक वे लापता ही हैं। बेटे ने भास्कर को बताया कि वे महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए गए थे लेकिन प्रयागराज स्टेशन से ही लापता हो गए। आज तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। भास्कर टीम ने बिहार के लोमा वैशाली जिले में रहने वाली प्रीति किशोर की तस्वीर देखी और उनके घर पर संपर्क किया। पति ने फोन उठाया और बताया कि मेरे साथ ही मेरी पत्नी भी संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज गई थी। लेकिन संगम नोज पर अचानक भीड़ का ऐसा रेला आया कि हम दोनों बिछड़ गए। मैंने उसे बहुत ढूंढ़ा लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चला। कुछ दिन प्रयागराज में तलाशा। फिर कुछ लोगों ने कहा कि चित्रकूट जाइए हो सकता है वहां मिल जाएं। अब मैं उन्हें यहां तलाश रहा हूं। भास्कर की पड़ताल में जो तीसरे शख्स थे वे थे 60 साल के अजय पांडे। वे भी संगम स्नान के लिए ही निकले थे लेकिन वापस नहीं लौट पाए। भीड़ में ऐसे लापता हुए कि आज तक घर नहीं पहुंच पाए। घर वालों की आंखें उनके इंतजार में पथरा गई हैं। लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा है। 


ये तो सिर्फ बानगी है। वहां तस्वीरें बता रही हैं कि लापता लोगों की संख्या बहुत अधिक है। इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है। नगीना से सांसद व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी पर हमला बोलते हुए कहा है, सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने में व्यस्त है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार आज भी 869 लोग लापता हैं। ये सिर्फ आंकड़े नहीं बल्कि कई जिंदगियों के अस्तित्व का सवाल है। कहीं कोई गुमशुदगी के पोस्टर बांट रहा है, तो कहीं इनामी घोषणाएं लगाई जा रही हैं। कई परिवार दिन-रात आंसू बहाते हुए अपने परिजनों की तलाश में भटक रहे हैं। महाकुंभ समाप्त होते ही सीएम योगी की सरकार ने खोया-पाया केंद्र बंद कर दिया है और अपनी पीठ थपथपाते हुए आगे बढ़ गई है। हालांकि जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनकी पीड़ा अनसुनी रह गई है। बिछड़े हुए लोगों की तलाश कौन करेगा? सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने में व्यस्त है। कुप्रबंधन, अव्यवस्था और बदइंतजामी के कारण सैकड़ों लोग अपने परिवारों से बिछड़ गए है, लेकिन सच को स्वीकार करने के बजाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफियाओं की सक्सेस स्टोरी सुनाने में लगे हैं। चंद्र शेखर ने आगे कहा, जब अधिकारियों की सड़क छाप भाषा को शाबाशी देने का समय है, तब इन परिवारों की व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, अब तो इस त्रासदी का संज्ञान लीजिए और दुनिया को महाकुंभ का काला सच बता दीजिए।


विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया 


इसे लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, तीस करोड़ कमाने का झूठा हिसाब तो दे दिया, अब अपनों खोने-गंवाने वालों को जवाब कब देंगे। परिवारवाले ही अपनों के गुम हो जाने का दर्द जानते हैं। परिजन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा! इसके साथ ही अखिलेश ने दैनिक भास्कर की वह रिपोर्ट भी शेयर की है जिसमें लापता लोगों के परिजन अपनों को तलाशने में मदद के लिए देश के लोगों से गुहार लगा रहे हैं। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में जिस नाविक की मदद की थी उसके अपराधी निकलने पर भी अखिलेश यादव ने तंज कसा था। अखिलेश ने एक्स पर लिखा था, माननीय ‘महाकुंभ’ में दूसरों की सक्सेज़ स्टोरी क्यों सुना रहे हैं क्या महाकुंभ में उनकी अपनी कोई सक्सेज़ स्टोरी नहीं है? अगर सुनानी है तो सच्ची कहानी सुनाएं लेकिन कोई हो तब ना। ‘पातालखोजी’ पहले पता कर लिया करें फिर महिमामंडन किया करें। पहले ठग से एमओयू कर लिया, अब नामज़द के नाम की सदन में बंद आँखों से तारीफ़ कर दी। अब तो आँखे खोलें। इन्हीं सब वजहों से ही भाजपा सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। इस समाचार की सच्चाई की पड़ताल हो। अगर सच में एक परिवार ने महाकुंभ में अकेले 30 करोड़ कमाए हैं, तो जीएसटी कितना मिला ये भी तो बताएं।

तो कुल मिलाकर पहले नाविक की सक्सेस स्टोरी के बाद उसके बारे में हुए खुलासे और अब महाकुंभ से लापता हुए लोगों के आंकड़े पर एक बार फिर योगी सरकार घिर गई है। विपक्ष ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। चंद्रशेखऱ से लेकर अखिलेश यादव तक ने सीएम योगी पर तीखा हमला बोला है।