अकेली स्वाति मालिवाल से कैसे हार गए अरविंद केजरीवाल
Editor : Manager User | 09 February, 2025
अरविंद केजरीवाल की हार के बाद स्वाति मालीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें महाभारत में द्रोपदी के चीरहरण को दिखाया गया था। इस तस्वीर के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की अरविंद केजरीवाल पूरी कायनात से लड़ सकते थे पर एक स्त्री की हाय से नहीं. सीएम आवास में जिस तरह से स्वाति मालिवाल के साथ दुर्व्यवहार हुआ था, उसके बाद से वो अकेली

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सिर्फ एक महिला कैसे किसी के पूरे साम्राज्य को बिखेर सकती है, इसका ताजा उदाहरण हैं राज्यसभा सांसद स्वाति मालिवाल। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के चुनावी हार के पीछे भले ही आज बहुत सारे कारण गिनाए जा रहे हों लेकिन हर कोई जानता है कि इस पार्टी के बुरे दिन तभी शुरू हो गए थे जिस दिन सीएम आवास से स्वाति मालिवाल रोते हुए बाहर निकली थीं। उस अकेली महिला ने जैसे उसी दिन तय कर लिया था कि एक दिन इस साम्राज्य को ढहा दूंगी और आज केजरीवाल का वह साम्राज्य ढह चुका है। लेकिन यह सब आसान नहीं था। आखिर स्वाति ये कैसे कर पाईं? अकेले यह लड़ाई कैसे लड़ पाईं? अकेले दम पर स्वाति ने केजरीवाल की उम्मीदों पर कैसे मट्ठा डाल दिया? चलिए इस वीडियो में आपको बताते हैं कि आखिर स्वाति ने कैसे अरविंद केजरीवाल की छवि को सबसे अधिक डेंट किया और कैसे अकेले दम पर आम आदमी पार्टी की कब्र खोद दी।
अरविंद केजरीवाल की हार के बाद स्वाति मालीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें महाभारत में द्रोपदी के चीरहरण को दिखाया गया था। इस तस्वीर के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की अरविंद केजरीवाल पूरी कायनात से लड़ सकते थे पर एक स्त्री की हाय से नहीं. सीएम आवास में जिस तरह से स्वाति मालिवाल के साथ दुर्व्यवहार हुआ था, उसके बाद से वो अकेली पड़ गई थीं। लेकिन उन्होंने ना खुद को संभाला बल्कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को खत्म करने के लिए एक रणनीति के तहत मोर्चा खोला और अंत में वे इसमें सफल भी रहीं।
मारपीट के बाद आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्वाति मालिवाल ने सबसे अधिक लोगों से जुड़े हुए मुद्दे उठाए और जनता को यह बताने की कोशिश की कि आपका कोई काम यह पार्टी नहीं कर रही है। इसमें गंदे टायलेट, महिलाओं के उत्पीड़न, सीवर ओवर फ्लो की समस्या, गंदे पानी की सप्लाई इन सब मुद्दों पर वो आक्रामक रहीं और जनता के बीच जाती रहीं। इन मुद्दों ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया। इस अभियान में वे इतनी आक्रामक रहीं कि एक दिन केजरीवाल के घर के बाहर तक कूड़ा डाल दिया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया था। वे लगातार उन जगहों पर पहुंची जहां सरकार के नेता नहीं पहुंच रहे थे और वे सरकार की नाकामी गिनाने में सफल रहीं।
स्वाति मालिवाल ने जिस तरह से अकेली लड़ाई लड़ी, उसने महिलाओं को केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से दूर कर दिया। स्वाति ने ना तो बीजेपी का साथ लिया और ना ही किसी और राजनीतिक पार्टी का। वे अकेली लड़ती रहीं। ऐसे में लोगों में यह संदेश गया कि स्वाति को पद का लालच नहीं है। वे सिर्फ जनता के लिए लड़ रही हैं। लेकिन केजरीवाल तब भी उनका साथ नहीं दे रहे हैं। यह नैरेटिव केजरीवाल की छवि पर भारी पड़ा और वे खुद अपनी सीट भी हार बैठे।
स्वाति मालिवाल ने जिस पर आरोप लगाए उसी को पंजाब सरकार का सलाहकार बनाकर मंत्री लेवल का दर्जा दे दिया गया। इसका भी संदेश गलत गया और खामियाजा आम आदमी पार्टी को भुगतना पड़ा। बीजेपी ने स्वाति का सीधे साथ नहीं दिया लेकिन उनके मुद्दे को चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया। इसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली की जनता का जो विश्वास आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर था वो धीरे-धीरे खत्म होता गया और उसके खिलाफ माहौल तैयार हो गया।
अभी कुछ समय पहले एक फिल्म आई थी स्त्री 2 जिसमें यह डॉयलॉग था स्त्री है कुछ भी कर सकती है। स्वाति मालिवाल की इस लड़ाई ने दिखा दिया कि स्त्री अगर खुद पर आ जाए तो फिर वो अकेले अपने दम पर पूरी सत्ता हिला सकती है। स्वाति मालीवाल ने जो जोर का झटका केजरीवाल को दिया है, शायद उसकी गूंज लंबे समय तक उनके गानों में सुनाई देगी। केजरीवाल की हार के बहुत कारण हो सकते हैं लेकिन इसका एक बड़ा कारण स्वाति मालीवाल हमेशा रहेंगी। क्या आपको भी ऐसा लगता है, कमेंट में बताइए. मिलते हैं अगले वीडियो में...देखते रहिए 24 अड्डा।