Latest

कब और क्यों मनाई जाती है माघ पूर्णिमा? इस मौके पर क्या करें, क्या ना करें?

Editor : Manager User | 04 February, 2025

वर्ष 2025 में द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 11 फरवरी 2025 को शाम 06:55 पर आरंभ होगा और अगले दिन शाम 7:22 पर समाप्त होगा। ऐसे में उड़िया तिथि के अनुसार 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा मनाया जाएगा। इस दिन सौभाग्य और शोभन योग का अद्भुत सहयोग बना रहा है।

कब और क्यों मनाई जाती है माघ पूर्णिमा? इस मौके पर क्या करें, क्या ना करें?

Source or Copyright Disclaimer


माघ पूर्णिमा का दिन स्नान दान के कार्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी जी की पूजा के लिए उत्तम दिन माना जाता है मानता है कि इस जीवन में सुख समृद्धि आती है। हिंदू धर्म में माघ महीने की पूर्णिमा तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह स्नान दान और विष्णु जी की पूजा अर्चना के लिए उत्तम दिन माना गया है। इस दौरान पवित्र नदी में स्नान के बाद दान पुण्य के कार्यों को अधिक महत्व दिया गया है।



मान्यता है कि ऐसा करने से सभी को सभी तरह के पुण्य प्राप्त हो जाते हैं और उसे कई गुना ज्यादा शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है।ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन उपवास रखकर और लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। घर की दरिद्रता दूर होती है। 



वर्ष 2025 में द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 11 फरवरी 2025 को शाम 06:55 पर आरंभ होगा और अगले दिन शाम 7:22 पर समाप्त होगा। ऐसे में उड़िया तिथि के अनुसार 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा मनाया जाएगा। इस दिन सौभाग्य और शोभन योग का अद्भुत सहयोग बना रहा है। 


स्नान -दान मुहूर्त:- पूर्णिमा तिथि में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान दान का उत्तम समय माना जाता है। इस दिन सुबह 5:01 से लेकर सुबह 6:10 तक स्नान दान के ब्रह्म मुहूर्त का निर्माण हो रहा है। इस दौरान स्नान के बाद दानपुर के कार्य कर सकते हैं। वही इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं बन रहा है। 


माघ पूर्णिमा के दिन क्या करें और क्या नहीं? 

1. माघ पूर्णिमा के दिन मांस मदिरा सेवन करने से बचना चाहिए।

2. इस दिन जीव जंतु को हानि नहीं पहुंचना चाहिए। 

3. माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्घ्य देना चाहिए।

4. इस दिन गुड़, तिल, घी, फल,अनाज ,कंबल, गर्म कपड़े इत्यादि का दान करना चाहिए।

5. इसके अलावा माघ पूर्णिमा के दिन सुख समृद्धि की कामना करते हुए लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

6. माघ पूर्णिमा के मौके पर ब्राह्मणों को भोजन करवाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। 

इतिहास:- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र से हुई है और हिंदू इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा करने के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण और शुभ अवसर मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।


माघ पूर्णिमा महत्व:-

माघ पूर्णिमा हिंदू लोगों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह पूर्णिमा का दिन है जब लोग भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा करते हैं। माघ पूर्णिमा माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, इसलिए इसे माघ पूर्णिमा कहा जाता है। इस शुभ दिन पर लोग कई शुभ कार्यों में शामिल होते हैं और विभिन्न पूजा अनुष्ठान भी करते हैं।