ऑपरेशन सिंदूर के नायक तीनों सेनाओं के योद्धा
Editor : Anjali Mishra | 12 May, 2025
ऑपरेशन सिंदूर" की गूंज PM मोदी बोले 'गर्व की बात है|पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रही आतंक की फसल को भारतीय सेना ने जड़ से उखाड़ फेंका है ऑपरेशन सिंदूर के जरिए।

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ऑपरेशन सिंदूर" की गूंज PM मोदी बोले 'गर्व की बात है|
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने वो कर दिखाया, जिसे इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रही आतंक की फसल को भारतीय सेना ने जड़ से उखाड़ फेंका है ऑपरेशन सिंदूर के जरिए।
इस जबरदस्त कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में सन्नाटा पसरा है, और भारत में गर्व की लहर है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस ऑपरेशन पर पहला बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा ऑपरेशन सिंदूर देश की सैन्य शक्ति और सामरिक संकल्प का प्रतीक है। हमें हमारी सेना पर गर्व है।"
कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने मंत्रिमंडल को पूरी जानकारी दी कि कैसे भारत ने पीओके और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को एक ही झटके में तबाह कर दिया। ये ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ माने जाते थे।
प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का नाम उन्होंने खुद तय किया था। उनके संबोधन के बाद कैबिनेट सदस्यों ने टेबल थपथपाकर सेना के इस साहसी कदम का जोरदार स्वागत किया।
ऑपरेशन सिंदूर के नायक तीनों सेनाओं के योद्धा
सीज़फायर की घोषणा के ठीक एक दिन बाद, रविवार को तीनों सेनाओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह प्रेस वार्ता करीब 1 घंटा 10 मिनट चली, जिसमें 'ऑपरेशन सिंदूर' के हर पहलू को देश के सामने रखा गया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल थे-
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई
वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद
एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती
तीनों अधिकारी न सिर्फ ऑपरेशन के रणनीतिक स्तंभ रहे, बल्कि उन्होंने अपने साहस और नेतृत्व से पाकिस्तान के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई:- एलओसी के असली रणनीतिकार
भारतीय सेना के DGMO राजीव घई वही अधिकारी हैं जिनके पास पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल कासिफ ने संघर्ष विराम की गुहार लगाई थी।
उन्होंने अक्टूबर 2024 में DGMO का पद संभाला था। उससे पहले, वे चिनार कॉर्प्स के GOC थे और कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में उनकी रणनीतिक योजना निर्णायक साबित हुई।
एयर मार्शल ए.के. भारती:- हवा में कहर बनकर टूटे
1987 में वायुसेना में शामिल हुए एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती वर्तमान में महानिदेशक वायु संचालन के रूप में कार्यरत हैं।वे एनडीए, DSSC वेलिंगटन और NDC के पूर्व छात्र हैं।
वह फाइटर कॉम्बैट लीडर रह चुके हैं और सुखोई-30 MKI स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर भी।
ऑपरेशन सिंदूर में उनकी योजना ने हवा से दुश्मन के आतंकी ढांचे को ध्वस्त कर दिया।
वाइस एडमिरल एन. प्रमोद:- समुद्र में कहर बरपाने वाले योद्धा
1 जुलाई 1990 को नौसेना में कमीशन हुए वाइस एडमिरल एन. प्रमोद जनवरी 2024 से नौसेना संचालन महानिदेशक (DGNO) हैं।
वे सी किंग ऑपरेशंस के विशेषज्ञ हैं और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में माहिर हैं।
आईएनएस अभय, शार्दूल, सतपुड़ा जैसे युद्धपोतों की कमान संभाल चुके हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने समुद्र के रास्ते पाकिस्तान को करारा जवाब देने की रणनीति को अंजाम दिया।
पाकिस्तान की चुप्पी और भारत का संकल्प
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में सन्नाटा है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कह दिया अगर भारत अब कोई और कार्रवाई नहीं करता, तो हम भी चुप रहेंगे।
लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर फिर किसी हमले की हिमाकत हुई तो जवाब और भी ज़्यादा करारा होगा।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि ये भारत के आत्मसम्मान, सुरक्षा नीति और नई सैन्य शक्ति का प्रतीक बन चुका है।