Latest

झेलम नदी का पानी छोड़े जाने से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी PoK में मचा हड़कंप!

Editor : Anjali Mishra | 29 April, 2025

भारत द्वारा झेलम नदी का पानी छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात बेकाबू हो गए हैं। अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और स्थानीय लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई है।

झेलम नदी का पानी छोड़े जाने से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी PoK में मचा हड़कंप!

Source or Copyright Disclaimer


भारत द्वारा झेलम नदी का पानी छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात बेकाबू हो गए हैं। अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और स्थानीय लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई है। प्रशासन लाउडस्पीकरों से लगातार चेतावनियां जारी कर रहा है कि लोग अपने घर खाली कर दें, क्योंकि कभी भी पानी कहर बन सकता है। आखिर भारत ने अचानक झेलम का पानी क्यों छोड़ा? इसके पीछे की वजह क्या है? और अब PoK में कैसी तबाही का खतरा मंडरा रहा है?


इस वक्त की सबसे बड़ी और सनसनीखेज़ खबर झेलम नदी का पानी छोड़े जाने से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी PoK में मचा हड़कंप! नदियाँ उफान पर, घर डूब रहे हैं, लोग जान बचाने के लिए दौड़ रहे हैं।क्या वाकई भारत ने बिना चेतावनी झेलम का पानी छोड़ा?

क्या PoK में वाकई ‘जल आतंकवाद’ जैसा माहौल है? और इससे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव किस ऊंचाई पर पहुँच सकता है?

26 अप्रैल, शनिवार का दिन...

PoK के हट्टियन बाला ज़िले में अचानक नदी का जलस्तर बढ़ा

स्थानीय लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले पानी उनके घरों तक पहुँच गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,

उरी डैम से बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ा गया ऐसा दावा है पाकिस्तान का!

PoK के डुमेल गाँव के निवासी मुहम्मद आसिफ कहते हैं हमें कोई चेतावनी नहीं मिली। पानी एकदम से आया। हम जान बचाने के लिए दौड़ पड़े।

मुजफ्फराबाद और चकोटी में लाउडस्पीकरों से चेतावनी दी जा रही है जल्दी इलाका खाली करो।


हट्टियन बाला, कोहाला और धालकोट जैसे इलाकों में मध्यम बाढ़ की सूचना।

कई जगहों पर फसलें बर्बाद, मवेशी बहने की खबरें।

स्थानीय प्रशासन ने बनाए अस्थाई राहत शिविर, रेस्क्यू टीम तैनात।


भारत की चुप्पी और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

भारत सरकार की ओर से इस घटना पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।हालांकि कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट्स का दावा है।

यह पानी छोड़ा जाना दरअसल एक रूटीन डैम ऑपरेशन था, जो जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते जरूरी हो गया था।

वहीं पाकिस्तान ने इस घटना को सीधे-सीधे सिंधु जल संधि का उल्लंघन करार दिया है।

PoK सरकार ने भारत पर लगाया है बड़ा आरोप ‘जल आतंकवाद’ यानी Water Terrorism का!

उनका कहना है कि बिना सूचना पानी छोड़ना अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है।


अब आपको बताते है की सिंधु जल संधि क्या है  

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था समझौता।

सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों पर पाकिस्तान का प्राथमिक हक़।लेकिन भारी बारिश या डैम भर जाने की स्थिति में पानी छोड़ने की व्यवस्था भी तय है।बशर्ते सूचना दी जाए।

सवाल ये उठता है क्या इस बार सूचना दी गई थी?


क्या यह पहलगाम हमले के बाद की रणनीति है?

याद दिला दें

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी।भारत का आरोप हमलावरों को पाकिस्तान से समर्थन मिला।

इसके बाद से भारत ने सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार शुरू किया था।तो क्या झेलम में पानी छोड़ना भी उसी कड़ी का हिस्सा है?

झेलम का उफान और PoK संकट में 

झेलम नदी के जलस्तर में अचानक आई तेज़ बढ़ोतरी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालात को बेकाबू कर दिया है।स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, हट्टियन बाला ज़िले में तो जैसे 'जल आपातकाल' जैसी स्थिति बन गई है।लोगों को अचानक अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित इलाकों की तरफ भागना पड़ा।डुमेल, कोहाला और धालकोट जैसे इलाकों में पानी का बहाव इतना तेज़ हो गया कि खेत, मकान और जानवर भी इसकी चपेट में आ गए हैं।


PoK प्रशासन ने कुछ इलाकों में अस्थायी शरणस्थल स्थापित किए हैं और राहत बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात की हैं।

लाउडस्पीकरों के ज़रिए लगातार चेतावनियाँ दी जा रही हैं जल्द से जल्द ऊंचाई वाले स्थानों की ओर जाएं।हालांकि स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें इस आपदा के लिए समय पर कोई तैयारी नहीं करने दी गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई गांवों में खाने-पीने का सामान और दवाइयों की भी कमी हो रही है।


भारत सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।हालांकि कुछ मीडिया आउटलेट्स का कहना है कि झेलम नदी में पानी का बहाव छोड़ना एक नियमित प्रक्रिया थी, जो भारी बारिश के चलते अनिवार्य हो गया था।

लेकिन पाकिस्तान इस घटनाक्रम को अलग चश्मे से देख रहा है और भारत पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा रहा है।इस विवाद ने सिंधु जल संधि पर भी एक नई बहस छेड़ दी है, जिसे अब तक दोनों देशों ने तमाम तनावों के बावजूद बरकरार रखा था।


वहीं PoK प्रशासन और पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत पर 'जल आतंकवाद' फैलाने का आरोप लगाया है।

उनका दावा है कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़ा ताकि PoK में तबाही मचाई जा सके।

उन्होंने इसे सिंधु जल संधि का 'गंभीर उल्लंघन' करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की धमकी भी दी है।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारी बारिश के बाद डैम से पानी छोड़ना एक अनिवार्य तकनीकी प्रक्रिया है, न कि कोई साजिश।



इस पूरे घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान के पहले से तनावपूर्ण संबंधों में एक नई तल्खी घोल दी है।पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते और अधिक खराब हो गए थे।भारत ने सिंधु जल संधि को रिव्यू पर डालने के संकेत दिए थे, और अब झेलम का मुद्दा इस तनाव को और गहरा कर सकता है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए सिंधु जल समझौते की अहम भूमिका मानी जाती है।

तो फिलहाल झेलम का पानी सिर्फ घाटियों में नहीं, बल्कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में भी बहाव और हलचल पैदा कर रहा है।

आने वाले दिनों में क्या ये विवाद और गहराएगा? या फिर कोई समाधान निकल पाएगा?