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भारत और पाकिस्तान: ऑपरेशन सिंदूर घर में घुसकर वार, ये है नया भारत तैयार!

Editor : Shubham awasthi | 07 May, 2025

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई 2025 की रात को अंजाम दिया गया एक सटीक और रणनीतिक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया

भारत और पाकिस्तान: ऑपरेशन सिंदूर घर में घुसकर वार, ये है नया भारत तैयार!

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ऑपरेशन का नाम "सिंदूर" भारतीय संस्कृति में गहरा भावनात्मक महत्व रखता है। सिंदूर विवाहित हिंदू महिलाओं के सुहाग का प्रतीक है। यह नाम उन विधवाओं को श्रद्धांजलि देता है, जिनके पतियों को पहलगाम हमले में खो दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नाम का सुझाव दिया, जो न केवल पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को भी रेखांकित करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध दशकों से वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय रहे हैं। दोनों देशों के बीच कश्मीर विवाद, सीमा पार आतंकवाद, और ऐतिहासिक युद्धों ने उनके रिश्तों को जटिल बनाया है। हाल ही में, "ऑपरेशन सिंदूर" के रूप में जानी जाने वाली एक सैन्य कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। यह ऑपरेशन, जो 6-7 मई 2025 की रात को अंजाम दिया गया, भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हवाई हमलों का हिस्सा था

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की जड़ें 1947 में दोनों देशों के विभाजन में निहित हैं। कश्मीर, जो दोनों देशों के बीच विवाद का मुख्य केंद्र रहा है, ने तीन बड़े युद्धों (1947, 1965, और 1999) और कई छोटे संघर्षों को जन्म दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान से समर्थित आतंकवादी गतिविधियों ने भारत में कई हमलों को अंजाम दिया, जिनमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला, और 2019 का पुलवामा हमला शामिल हैं। इन हमलों ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया, जैसे कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट हवाई हमला।

ऑपरेशन सिंदूर को समझने के लिए हाल की घटनाओं को देखना जरूरी है। 22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों ने एक क्रूर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर मुख्य रूप से पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाओं के पति मारे गए। इस घटना ने भारत में व्यापक आक्रोश पैदा किया और सरकार पर जवाबी कार्रवाई का दबाव बढ़ा।


ऑपरेशन सिंदूर का नाम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना, जो उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने पतियों को खोया। "सिंदूर" भारतीय संस्कृति में सुहागिन महिलाओं के लिए एक पवित्र प्रतीक है, और इस नाम ने ऑपरेशन को एक भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान किया। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, जो भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों की योजना बना रहे थे।

लक्ष्य: कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें चार पाकिस्तान के अंदर (बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, और अन्य) और पांच PoK में (कोटली, मुजफ्फराबाद, आदि) थे। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के प्रशिक्षण शिविर और मुख्यालय शामिल थे।

भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने इस संयुक्त अभियान में हिस्सा लिया। खुफिया जानकारी रॉ (RAW) और अन्य एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई, जिसने आतंकी ठिकानों की सटीक स्थिति और गतिविधियों की पुष्टि की। हमले पूरी तरह से भारतीय सीमा के अंदर से किए गए, और किसी भी भारतीय विमान ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया।


भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम के रूप में प्रस्तुत किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में शांति और प्रगति को बाधित करने का एक सुनियोजित प्रयास था। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए "सुरक्षित पनाहगाह" करार दिया और कहा कि भारत का कदम आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के लिए आवश्यक था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की सफलता पर भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की और कहा, "भारत माता की जय।" कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में ऑपरेशन के तकनीकी पहलुओं को विस्तार से बताया, जिससे भारत की सैन्य क्षमता और संयम की नीति को रेखांकित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रात ऑपरेशन की निगरानी की और इसे "न्याय का प्रतीक" बताया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका, रूस, चीन, और सऊदी अरब सहित कई देशों के अपने समकक्षों को ऑपरेशन की जानकारी दी, जिससे भारत ने वैश्विक समुदाय को अपनी स्थिति स्पष्ट की।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को "अनुचित और बिना सोचे-समझे का हमला" करार दिया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे "युद्ध की कार्रवाई" (act of war) बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की। सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने दावा किया कि भारत ने आतंकी शिविरों के बजाय नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, हालांकि इस दावे का कोई स्वतंत्र सत्यापन नहीं हुआ।

पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी तेज कर दी, जिसके परिणामस्वरूप पुंछ में छह नागरिकों की मौत की अपुष्ट खबरें आईं। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुरू में दावा किया कि कुछ भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया गया, लेकिन बाद में उन्होंने इस बयान को वापस ले लिया। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इस मुद्दे को उठाने की घोषणा की, लेकिन वैश्विक प्रतिक्रिया अब तक संयमित रही है।